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जिंदगी की जंग लड़ रहा चैंपियन
अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे चंद्रप्रताप सिंह की पत्नी सोनाली देवड़ा ने बताया कि पति 400 व 800 मीटर रेस के धावक हैं। कई बार राज्य स्तर पर पुरस्कार मेडल जीत चुके हैं और पांच बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी भाग लिया। चंद्रप्रताप सिंह के पिता रतलाम शहर में बंद हो चुके उद्योग जेवीएल में कर्मचारी थे। एथेलेटिक्स के प्रति चंद्रप्रताप का जुनून इस बात से समझा जा सकता है कि शहर में मैदान न होने के कारण वो दो साल पहले परिवार सहित इंदौर चले गए। लेकिन शहर से नाता नहीं तोड़ा और रतलाम में आना जाना लगा रहता था। लॉकडाउन के कारण कुछ बेहतर काम नहीं कर पाए लेकिन अब जब उम्मीद थी कि लॉकडाउन खुल रहा है तो परिवार की हालत सुधर जाएगी पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था और हादसे में चंद्रप्रताप गंभीर रुप से घायल हो गए।
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मासूमों ने लगाई पिता को बचा लेने की फरियाद
घायल चंद्रप्रताप का एक बेटा रुद्रप्रताप व बेटी अवनि हैं जिन्होंने पिता के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई है। बेटा रुद्रप्रताप व बेटी अवनि ने कहा कि वो अपने पिता को फिर से दौड़ते हुए देखना चाहते हैं लेकिन हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं। पापा के मेडल भी कोई नहीं खरीद रहा है। इसलिए अब सभी से ये उम्मीद है कि पापा के इलाज के लिए मदद करें। चंद्रप्रताप की पत्नी व दोनों मासूम बच्चों ने सोशल मीडिया के जरिए भी मदद की अपील की है।
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इस तरह कर सकते है मदद
जो भी लोग चंद्रप्रताप की मदद करने चाहते हैं वो चंद्रप्रताप के परिवार के सदस्य नीरज को 9039901900 पर फोन लगाकर मदद के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं और उन तक मदद पहुंचा सकते हैं। उम्मीद है कि जागरुक और मददगार लोग इस परिवार की मदद के लिए आगे आएंगे और चंद्रप्रताप को जल्द ही इलाज मिल पाएगा।
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