VIDEO रतलाम ने महाशिवरात्रि पर रच दिया इतिहास, प्लास्टिक मुक्त रहे शिवमंदिर फूल महादेव के ललाट पर श्रद्धा से चढ़ाए जाए या किसी के सजदे में हो, यह आस्था के लिए होते है। इनसे जब स्वागत हो तो यह पैर में नहीं आना चाहिए। पत्रिका स्वर्णिम भारत महाअभियान अंतर्गत सोच को बनाया, मित्रों से साझा किया व जब शाही सवारी निकली तो इसका स्वागत के बाद सड़क पर बिखरे फूलों को समेट लिया। यह कहना है शहर के सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले इमरान खोकर का। इमरान के अनुसार पत्रिका जो मिशन लेकर चला है, उसको सभी को मिलकर घर घर तक पहुंचाना होगा, हमारी टीम ने शुरुआत की है, अब इसको आगे तक लेकर जाएंगे।
हजारों हाथ उठे, लिया रतलाम को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प देर शाम तक लगी रही अभियान में
पत्रिका के स्वर्णिम भारत महाअभियान का असर शहर ही नहीं, अंचलों में भी देखा गया। रिंगनोद के करीब गोदीधर्मसी में बाबा महादेव के वर्षो पूर्व के मंदिर में सुबह से जब दर्शन के लिए लंबी – लंबी लाइन लगी थी, तब स्वल्पहार का आयोजन भी रखा गया था। इसके बाद दोने पत्तल आदि भक्त सड़क पर ही छोड़कर चले गए थे। आयोजन के दौरान ही सोशल मीडिया पर सरपंच सत्यनारायण सेन को पत्रिका के अभियान के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अपनी टीम के साथ सड़क पर यहां वहां बिखरे पडे़ दोने, पत्तल आदि को समेटना शुरू कर दिया। देर शाम तक सरपंच सेन व उनकी टीम पत्रिका के स्वर्णिम भारत महाअभियान के अंतर्गत स्वच्छता के कार्य में लगी रही।
पत्रिका के स्वर्णिम भारत महाअभियान का असर शहर ही नहीं, अंचलों में भी देखा गया। रिंगनोद के करीब गोदीधर्मसी में बाबा महादेव के वर्षो पूर्व के मंदिर में सुबह से जब दर्शन के लिए लंबी – लंबी लाइन लगी थी, तब स्वल्पहार का आयोजन भी रखा गया था। इसके बाद दोने पत्तल आदि भक्त सड़क पर ही छोड़कर चले गए थे। आयोजन के दौरान ही सोशल मीडिया पर सरपंच सत्यनारायण सेन को पत्रिका के अभियान के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अपनी टीम के साथ सड़क पर यहां वहां बिखरे पडे़ दोने, पत्तल आदि को समेटना शुरू कर दिया। देर शाम तक सरपंच सेन व उनकी टीम पत्रिका के स्वर्णिम भारत महाअभियान के अंतर्गत स्वच्छता के कार्य में लगी रही।