रतलाम

#Ratlam में उल्टी-दस्त के प्रकोप से दो की मौत, हड़कंप, विभाग ने दबाया मामला

प्रशासन और स्वास्थ्य अमले ने दबाए रखा मामले को, स्वास्थ्य और पीएचई की बड़ी लापरवाही आई सामने

रतलामNov 07, 2024 / 10:21 am

Ashish Pathak

Lancet Report Reveals Roadmap to Halve Premature Deaths by 2050

रतलाम. रतलाम जिले में बाजना के करीब साढ़े सात सौ की आबादी वाले गांव खोरा में स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गांव में उल्टी-दस्त के प्रकोप से एक महिला और एक युवक की मृत्यु हो गई है। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन और स्वास्थ्य अमले ने गांव में डेरा डालकर एक-एक घर का सर्वे किया। इसमें दो दर्जन से ज्यादा उल्टी-दस्त के मरीज सामने आ चुके हैं। हालांकि यह घटनाक्रम करीब एक सप्ताह पहले का है। प्रशासन, स्वाथ्य और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अमले ने बदनामी से बचने के लिए इस मामले को अब तक दबाए रखा और किसी को कानों कान खबर नहीं होने दी। अब जाकर मामला उजागर हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने पानी और पीडि़तों के स्टूल सेंपल जांच के लिए भेजे हैं।
पहला मामला 20 को दूसरा 25 को

ग्राम खोरा उल्टी-दस्त से मौत का पहला मामला 20 अक्टूबर को स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान मेंं आया। 40 साल की महिला की मौत को पहले गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद 25 अक्टूबर को 19 साल के युवक की उल्टी-दस्त से मौत हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य अमले की तंद्रा टूटी और गांव में कैंप लगाकर इलाज शुरू किया।
30 से ज्यादा मरीज मिले

हरकत में आए स्वास्थ्य अमले ने गांव में सर्वे और इलाज करने के लिए टीम को भेजी। टीम ने गांव में सर्वे किया तो ढाई दर्जन से ज्यादा नए मरीज सामने आए। इनमें से कुछ की स्थिति गंभीर होने से उन्हें बाजना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भेजा। हालांकि अभी सभी ठीक हो चुके हैं।
ये हैं केस

– खोरा की कन्नाबाई पति रतनलाल डामोर लगभग (40) जो गुजरात में मजदूरी करने गई थी। 18 अक्टूबर को वापस गांव खोरा में आई। 20 अक्टूबर को उल्टी-दस्त से अचानक मृत्यु हो गई। उल्टी-दस्त का पहला केस था।
– पांच दिन बाद 25 अक्टूबर को इसी गांव खोरा में निलेश पिता बापूराम (19) की भी दस्त-उल्टी से मृत्यु होने की जानकारी मिली। यह युवक गांव में ही रहता था और उल्टी-दस्त से पीडि़त होने के बाद मौत हो गई।
ये हो सकते हैं कारण

– स्वास्थ्य अमले ने सर्वे के दौरान पाया कि गांव में एकमात्र पानी का सोर्स हैंडपंप और एक कुआँ है। हैंडपंप पर लाल निशान लगा हुआ है।

ये किया विभाग ने
जिला के दल ने मृतकों के घरों के पास वाटर सोर्स हैंडपंप का नमूना लिया। कुएं एंव पीने के स्त्रोत हैंडपंप में ब्लीचिंग दवाई डलवार्ई।

जिले के दल ने जुटाई जानकारी

जिले से अधिकारियों का दल भी गांव पहुंचा था। दल ने पूरे गांव में सर्वे कर रही टीम से जानकारी जुटाई और मरीजों की स्थिति का जायजा लिया।
बीमार आई थी महिला

आउट ब्रेक जैसा कुछ नहीं था। जिस महिला की मौत हुई वह बीमार आई थी। बाद में जो युवक की मृत्यु हुई वह भी संदिग्ध कह सकते हैं। हमने पूरे गांव का सर्वे कर लिया है। जो मिले थे उनका इलाज कर दिया है। अब सभी की स्थिति सामान्य है।
डॉ. हिमांशु राव, बीएमओ, बाजना

कुछ मरीज मिले थे

खोरा गांव में उल्टी-दस्त के कुछ मरीज सामने आए थे। मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाया गया है। सभी की स्थिति सामान्य है। दल ने भी गांव में सर्वे किया है जो मरीज मिले थे उनका इलाज कर दिया गया।
डॉ. आनंद चंदेलकर, सीएमएचओ, रतलाम

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