दीक्षार्थी कुमारी उर्वी मेहता सुसज्जित गाड़ी पर अपने दोनों हाथों से रास्ते भर वर्षीदान कर रही थी, जिसका साथ माता-पिता मंजू मेहता एवं महावीर मेहता तथा दोनों बहन रिया एवं जिया मेहता दे रही थी। वर्षीदान यात्रा हटीराम दरवाजा, कलाईगर रोड, घास बाजार, चौमुखीपुल, न्यू क्लॉथ मार्केट, धानमंडी, गणेश देवरी, बजाज खाना, चांदनी चौक होते हुए हनुमान मंडी पर पहुंची। जहां गणिवर्यकल्याणरत्न विजय ने उपस्थित समाज जनों को मांगलिक श्रवण कराई।
यात्रा में ये रहे आकर्षण का केंद्र सबसे आगे इन्द्रध्वजा के पीछे आदिवासी नृत्य मंडली एवं सुसज्जित सात अश्वों पर युवजन धर्म पताका लिए हुए चल रहे थे। सुसज्जित बग्गियों पर लाभार्थी परिवारजन सबका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। कल्पतरु महिला मंडल की श्राविकाएं सर पर कलश धारण किए सुमधुर संगीत के साथ चल रही थी। समाजजन गणिवर्य का आशीर्वाद प्राप्त कर दीक्षार्थी अमर रहे की जय जयकार करते शामिल हुए। शहर में जगह-जगह गहुली की गई। पीछे सुबुद्धि महिला मंडल की श्राविकाएं प्रभु की माता को आए 14 स्वप्न के स्वर्ण कलश सर पर धारण किए हुए चल रही थी। इनके पीछे सुसज्जित गाड़ी में प्रभु की प्रतिमा विराजमान की गई थी। ढोल पार्टी की धुन पर युवाजन भाव विभोर होकर नृत्य कर रहे थे। इस अवसर पर अशोक लुनिया, हिम्मत गेलड़ा, राकेश सकलेचा, राजेंद्र लुनिया, राजेश गांधी, पारस मूणत आदि विभिन्न जैन संघ के पदाधिकारी एवं समाजजन उपस्थित रहे।