सरवन पुलिस थाने के गांव आमलिया डोल निवासी और वर्तमान में ओसवाल नगर में रहने वाले हिमांशु पिता शंभूसिंह मईड़ा १८ ने बताया कि शुक्रवार की सुबह मम्मी उमा मईड़ा रोजाना की तरह करीब 10.30 बजे घर से अपनी ड्यूटी पर ग्राम बागेडिय़ा स्कूल में पढ़ाने के लिए गई थी। दोपहर करीब 12 30 बजे स्कूल के शिक्षक भरत देवड़ा सर ने मोबाइल से बताया कि उमा मईडा को ग्राम बागेडिया स्कूल के पास मेन रोड पर करीब 11.00 बजे सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी में चार पांच लोग अपनी गाड़ी में जबरदस्ती बैठाकर ले गए हैं। वे इसका विरोध भी कर रही थी किंतु लोगों की संख्या ज्यादा होने से वे कुछ नहीं कर पाई। अपहरण करने आए लोगों में से एक व्यक्ति उमा मईड़ा की नीले रंग की स्कुटी एमपी 43 डीएक्स 5997 भी अपने साथ ले गया।
पिता से चल रहा था विवाद
हिमांंशु ने् बताया कि मां उमा मईडा और पिता शंभूसिंह मईड़ा का विवाद करीब 3-4 साल से चल रहा था। आमलिया डोल थाना सरवन गांव में अलग रहते हैं। हिमांशु अपनी मां के साथ ओसवाल नगर रतलाम रहता है। मां को गाड़ी में बैठाकर ले जाने की सूचना मिलने के बाद वह नाहरसिंह गणावा, दोस्त अमन गामड़ व विशाल बागरी के साथ शासकीय स्कूल ग्राम बागेडिय़ा पर गया और फोन से आमलिया डोल में अपने परिवार बाले बदी मईडा, गोवर्धन मईड़ा व अन्य लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि उमा मईड़ा को पिता शंभूसिंह पिता हुमला मईड़ा अन्य अपने साथी कैलाश पिता कानजी पारगी, रकिया उर्फ लक्ष्मण पिता जीवणा मईड़ा, हुकुमचंद पिता मडिय़ा मईडा व अन्य इनका एक साथी सभी निवासी आमलिया डोल मां को जबरदस्ती अपने साथ ले गए है।
हिमांंशु ने् बताया कि मां उमा मईडा और पिता शंभूसिंह मईड़ा का विवाद करीब 3-4 साल से चल रहा था। आमलिया डोल थाना सरवन गांव में अलग रहते हैं। हिमांशु अपनी मां के साथ ओसवाल नगर रतलाम रहता है। मां को गाड़ी में बैठाकर ले जाने की सूचना मिलने के बाद वह नाहरसिंह गणावा, दोस्त अमन गामड़ व विशाल बागरी के साथ शासकीय स्कूल ग्राम बागेडिय़ा पर गया और फोन से आमलिया डोल में अपने परिवार बाले बदी मईडा, गोवर्धन मईड़ा व अन्य लोगों से जानकारी ली तो पता चला कि उमा मईड़ा को पिता शंभूसिंह पिता हुमला मईड़ा अन्य अपने साथी कैलाश पिता कानजी पारगी, रकिया उर्फ लक्ष्मण पिता जीवणा मईड़ा, हुकुमचंद पिता मडिय़ा मईडा व अन्य इनका एक साथी सभी निवासी आमलिया डोल मां को जबरदस्ती अपने साथ ले गए है।