5 अप्रैल को दीपक जलाने पर ज्योतिषी ने कही यह बड़ी बात इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रतलाम अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमितों की जांच करने के लिए इंदौर के टाटपट्टी बाखल में पहुंची स्वास्थ्य विभाग के दल पर दो दिन पहले हमला हुआ था। तब डॉक्टर बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागे थे। इस घटना के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने जहां कडे़ कदम अपराधियों के खिलाफ उठाए, वही देशभर में इस घटना की हर समाज ने कड़ी निंदा की।
देखें VIDEO वाहन लेकर निकलने वालो की हुई पुलिसिया अंदाज में सेवा यहां की है पढ़ाई इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के रतलाम अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि डॉ. तृप्ति के पिता प्रभाकर मेढे़ रतलाम में लंबे समय तक अधिवक्ता रहे है। विवाह के पूर्व डॉ. तृप्ति शहर के शास्त्री नगर क्षेत्र में रहती थी। डॉ. तृप्ति ने हाम्योपेैथिक की पढ़ाई रतलाम में डॉ. शर्मा के कॉलेज से ही की है। डॉ. शर्मा के अनुसार वे शुरू से निडर व साहसी रही। इस बात का इसी से समझा जा सकता है कि हमले के अगले दिन फिर वे उसी क्षेत्र में गए जहां पर पत्थर चले थे। इधर मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इंदौर में हुई घटना की निंदा करते हुए सख्त से सख्त सजा अपराधियों को देने की मांग की है।
कारोना वायरस के बीच आई खुश खबर पथराव से नहीं टूटा हौसला, ड्यूटी पर लौटी डॉक्टर इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में जब डॉ. तृप्ति कटारिया और डॉ. जाकिया अपनी टीम के साथ जांच के लिए पहुंची तो लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना में दोनों को चोट भी आई, लेकिन जज्बा कम नहीं हुआ। घटना को 24 घंटे भी नहीं हुए थे कि दोनों डॉक्टर मरीजों की जान बचाने ड्यूटी पर लौट आई। बातचीत में डॉ. जाकिया ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया और कहा, काम तो करेंगे, किसी से डरेंगे थोड़ी। उन्होंने लोगों से कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सतर्कता बरतने की अपील भी की है।