करोड़ों पुण्य की होती है प्राप्ति
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शिव साक्षात रुद्राक्ष में वास करते हैं। इसलिए शिव और रुद्राक्ष का संबंध अटूट है। तभी धार्मिक दृष्टिकोण से रुद्राक्ष बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। रुद्राक्ष ( Rudraksha ) की पूजा और जप करने से करोड़ों पुण्यों की प्राप्ति होती है। चूंकि सावन का महीना चल रहा है, जो शिव आराधना का पावन समय है इसलिए रुद्राक्ष को सावन में धारण करना शुभ माना गया है।
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इस आधार पर होती है पहचान
रुद्राक्ष पेड़ ( Rudraksha trees ) के फल की गुठली होती है। इस गुठली पर प्राकृतिक रूप से कुछ सीधी धारियां होती हैं। ये धारियां स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। इन धारियों की गिनती के आधार पर ही रुद्राक्ष के मुख की गणना होती है।
इस तरह धारण करें रुद्राक्ष
रुद्राक्ष को हमेशा लाल रंग (red color) के धागे में ही पहनना चाहिए। रुद्राक्ष को सावन के महीने में, सोमवार ( Monday ) के दिन और शिवरात्रि ( Shivratri ) के दिन पहनना बहुत शुभ रहता है। इसे पहनने से पहले शिवलिंग के सामने रखकर शिव मंत्रों का जप करते हुए धारण करना चाहिए।
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दीर्घायु प्रदान करता है
रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रिय आभूषण है। जिस घर में रुद्राक्ष की पूजा की जाती है, वहां आरोग्य का वास रहता है। रुद्राक्ष दीर्घायु प्रदान करता है। रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है। रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है।
रोगों से मिलती है मुक्ति
मान्यता है कि रुद्राक्ष पहनने से ह्रदय रोग ( heart problem ) बहुत जल्दी सही होते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। सच्चे मन से की गई रुद्राक्ष की पूजा से सभी दुखों से छुटकारा मिल जाता है। रुद्राक्ष तेज तथा ओज में अपूर्व वृद्धि करता है। रुद्राक्ष पापों का नाश करता है।