AI Ghibli image art: मध्य प्रदेश पुलिस ने एआई जनरेटेड घिबली इमेज बनाने वाले उपयोगकर्ताओं को सचेत करने के लिए एक अपील जारी की है। पुलिस का मानना है कि इससे यूजर्स साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
AI Ghibli image art: इन दिनों सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड घिबली इमेज खूब शेयर की जा रही है। कोई भी सोशल मीडिया सक्रिय यूजर इससे अछूता नहीं है। लगातार ट्रेंड कर रहे घिबली आर्ट के फोटो को देखकर हर कोई अपनी और अपने फैमिली का घिबली इमेज बनाना चाह रहा है। मध्य प्रदेश की रतलाम पुलिस का मानना है कि ऐसे में साइबर अपराधी भी सक्रिय हो चुके हैं।
यदि आपने गलती से कोई अनसिक्योर्ड एआई ऐप डाउनलोड कर लिया तो वह आपके प्राइवेट डाटा के साथ आपका बैंक अकाउंट भी खाली करवा सकता है। बड़ी मात्रा में सर्च हो रहे घिबली इमेज जेनरेटर का फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। पुलिस ने लोगों से इस तरह के ऐप डाउनलोड करने से बचने की अपील जारी की है।
कुछ दिन पहले ही ओपन एआई ने चैट जीपीटी इमेज जेनरेटर लांच किया था, इसके बाद यह सोशल मीडिया ट्रेंड बन गया। घिबली एक जापानी एनिमेशन आर्ट है। बीते दिनों ओपन एआई ने सामान्य फोटो को एआई टूल की मदद से घिबली इमेज (एनिमेटेड) में बदलने के विकल्प के साथ इसे लॉन्च किया है। यह एआई टूल सामान्य फोटो को एनिमेटेड रूप में परिवर्तित कर देता है। कई बार यह इमेज काफी सुंदर और फनी भी होते हैं। घिबली का यही जादू इन दिनों सोशल मीडिया यूजर्स के सिर चढ़ बोल रहा है।
पुलिस के अनुसार जब भी सोशल मीडिया पर किसी विषय या शब्द को बार-बार सर्च किया जाता है तो वह आम यूजर्स के साथ ही साइबर अपराधियों की नजर में भी आता है। साइबर अपराधी ऐसे ही मिलते-जुलते शब्दों, ऐप या वेबसाइट लिंक का इस्तेमाल करसोशल मीडिया पर सर्च कर रहे लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। फेक ऐप डाउनलोड कर लेने या फेक वेबसाइट पर जाकर यूजर्स अपना निजी डेटा का एक्सेस साइबर अपराधियों को दे देते हैं। इसके बाद साइबर अपराधी आपके बैंक अकाउंट को खाली करने के साथ ही आपकी निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि 'किसी भी प्रकार के ऐप को जल्दबाजी में डाउनलोड नहीं करना चाहिए। खासकर व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर शेयर किए गए एंड्रॉइड पैकेज किट को डाउनलोड करते समय बेहद सतर्कता बरतनी चाहिए, क्योंकि इस बात की अधिक संभावना होती है कि इंटरनेट पर ट्रेंड कर रहे नाम से मिलते-जुलते फेक एपीके साइबर अपराधियों द्वारा डाले जाते हैं।'
उन्होंने कहा कि 'जिसे अनजाने में यूजर डाउनलोड कर लेता है और अपने फोन की निजी जानकारी का एक्सेस दे देता। इस तरह के एपीके व्हाट्सएप या टेलीग्राम के माध्यम से स्प्रेड किए जाते हैं।'