रतलाम

अवकाश पर रहते हुए पेपर मॉडरेट करने वाली प्रोफेसर विवि के कामकाज के लिए अयोग्य

अवकाश पर रहते हुए पेपर मॉडरेट करने वाली महिला अध्यापक निधि श्रीवास्तव और रतलाम मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा केन्द्र के तत्कालीन अधीक्षक उमेश सिन्हा पर गाज गिरी है।

रतलामJul 15, 2022 / 10:16 am

Ashish Pathak

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रतलाम. मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय ने 10 जून के बीएएमएस पर्चा लीक कांड में दो अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई की है। इस मामले में अवकाश पर रहते हुए पेपर मॉडरेट करने वाली महिला अध्यापक निधि श्रीवास्तव और रतलाम मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा केन्द्र के तत्कालीन अधीक्षक उमेश सिन्हा पर गाज गिरी है। दोनों को विवि के सभी कार्यों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। विवि ने माना है कि दोनों ने परीक्षा संबंधी कार्यों में लापरवाही बरती है।
एक ही समय पर ऑब्जर्वर और मॉडरेटर


ग्वारीघाट स्थित सरकारी आयुर्वेद कॉलेज में सह प्राध्यापक डॉ. निधि श्रीवास्तव 10 जून को अवकाश पर थी। अवकाश के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा केन्द्र में सुबह 11 से दोपहर 2 बजे की पारी में ऑब्जर्वर की ड्यूटी की। इसी पाली में होने वाले बीएएमएस प्रथम वर्ष के एनाटॉमी के पेपर का मॉडरेशन भी किया। नियमानुसार प्रश्न पत्र की गोपनीयता के लिहाज से मॉडरेटर को सुबह 10:30 से 11:30 बजे तक विवि में रुकना होता है। परीक्षा शुरू होने के पहले मॉडरेटर के विवि से बाहर निकलने से गोपनीयता भंग होने की आशंका है।
मनमाने तरीके से बदल दी परीक्षा की पाली
विवि ने बीएएमएस प्रथम वर्ष का एनाटॉमी का प्रश्न पत्र प्रदेश में सभी परीक्षा केन्द्रों को सुबह 11:10 बजे ऑनलाइन भेजा। सभी जगह सुबह 11:30 से दोपहर 2:30 बजे के बीच परीक्षा आयोजित हुई। लेकिन रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में यहीं पर्चा दोपहर 2 से शाम 5 बजे के बीच हुआ। तब तक ये पेपर आउट हो चुका था। इस केन्द्र में अधीक्षक रतलाम मेडिकल कॉलेज के सह प्राध्यापक डॉ उमेश सिन्हा थे। आरोप है कि रतलाम के एक निजी आयुर्वेद कॉलेज को फायदा पहुंचाने के लिए परीक्षा देर से कराई गई। इस आयुर्वेद कॉलेज के लिए रतलाम सरकारी मेडिकल कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाया गया था।
एफआइआर दर्ज कराने की मांग
परीक्षा तीन घंटे देर से होने की शिकायत मिलने के बाद विवि प्रशासन ने रतलाम कॉलेज में आयोजित 10 जून के बीएएमएस प्रथम वर्ष के प्रश्न पत्र को निरस्त कर दिया था। अब मामले से जुड़े दोनों अध्यापकों पर कार्रवाई की है। हालांकि मध्यप्रदेश छात्र संगठन ने मामले में राज्यपाल को शिकायत भेजकर दोनों जिम्मेदार अध्यापकों को निलंबित करने और उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। मामले में लापरवाही और सांठगांठ करने वाले अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।

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