सोमवार को नवरात्रि पर्व का अंतिम दिन है। जिले की बात करें तो यहां पर अंतिम दिन गरबे पूरी रात होते है। जिले के नामली, धराड़, प्रीतमनगर, सैलाना, सरवन, शिवगढ़, रावटी, आलोट, ताल, रिंगनोद, बांगरोद, सुखेड़ा, पिपलौदा, आंबा, धामनोद, रानीगांव, रियावन, रणायरा, मावता, ढ़ोढर, पंथपिपलौदा, हसनपालिया, खारवाकला, करवाखेड़ी, बिरमावल, बिलपांक, सकरावदा आदि गांव में माता की आराधना अनूठे तरीके से हो रही है।
कन्याभोज का आयोजन
इधर रतलाम में मां कालिका माता मंदिर में महाअष्टमी को जहां हवन का आयोजन किया गया तो दूसरी तरफ महानवमी को कन्या भोज का आयोजन हुआ। इन सब के बीच रतलाम शहर के गुजराती स्कूल में गुजराती समाज के गरबे विशेष परिधान के चलते प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी चर्चा का केंद्र बने हुए है। स्टेशन रोड पर सोमवार रात को १०८ किलो फूल की रांगोली बनाई जाएगी।
इधर रतलाम में मां कालिका माता मंदिर में महाअष्टमी को जहां हवन का आयोजन किया गया तो दूसरी तरफ महानवमी को कन्या भोज का आयोजन हुआ। इन सब के बीच रतलाम शहर के गुजराती स्कूल में गुजराती समाज के गरबे विशेष परिधान के चलते प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी चर्चा का केंद्र बने हुए है। स्टेशन रोड पर सोमवार रात को १०८ किलो फूल की रांगोली बनाई जाएगी।
राजापुरा व कंवलका माता में भीड़
ग्रामीण अंचल में बाजना के पूर्व राजापुरा में गढ़खंखाई माता मंदिर में स्थित भद्रकाली व विरभद्र के दर्शन को भीड़ उमड़ रही है तो दूसरी तरफ सातरुंडा के करीब मां कवंलका माता के मंदिर में भी सुबह से भक्तों को मेला है। यहां पर कहा जाता है कि जो सच्चे मन से मांगा जाता है वो जरूरी मिलता है। इसके अलावा रतलाम शहर के मां कालिका माता मंदिर में भी सुबह से भक्तों की माता के दर्शन को कतारे लगी हुई है।
ग्रामीण अंचल में बाजना के पूर्व राजापुरा में गढ़खंखाई माता मंदिर में स्थित भद्रकाली व विरभद्र के दर्शन को भीड़ उमड़ रही है तो दूसरी तरफ सातरुंडा के करीब मां कवंलका माता के मंदिर में भी सुबह से भक्तों को मेला है। यहां पर कहा जाता है कि जो सच्चे मन से मांगा जाता है वो जरूरी मिलता है। इसके अलावा रतलाम शहर के मां कालिका माता मंदिर में भी सुबह से भक्तों की माता के दर्शन को कतारे लगी हुई है।