बदलाव से बड़ा फायदा
लिफ्ट की तरह ट्रेन के दरवाजों के खुलने और बंद होने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि पूर्व के वर्षो में राजधानी ट्रेन में चोरी से लेकर लूट तक की वारदाते हुई हैं। अब नई व्यवस्था में ट्रेन के दरवाजे सिर्फ तब खुलेंगे जब ट्रेन किसी स्टेशन पर पहुंचेगी ऐसे में अपराधों पर नियंत्रण लगेगा। इसके अलावा आपात हालात में ट्रेन के दरवाजे खोलने का अधिकार विशेष बटन से गार्ड व इंजन के चालक को रहेगा। इसके अलावा दरवाजे के करीब खड़े रहने के दौरान कई बार यात्री तेज गति की ट्रेन से गिर जाता है व दुर्घटना से लेकर मृत्यु तक होती रही है। दरवाजे बंद रहने से इस प्रकार की दुर्घटना पर रोक लग जाएगी।
ये भी पढ़ें- ‘मेरा दोस्त मुझे बुला रहा है’ लिखकर विधायक के बेटे ने खुद को मारी गोली
धुआं होते ही सूचना
तेजस श्रेणी के इन डिब्बों में सबसे बड़ा लाभ यह है कि आग लगने या धुआ निकलने ही अरली फायर डिटेक्शन वार्निंग सिस्टम काम करना शुरू कर देगा। ट्रेन के पॉवर कार, पैंट्री कार, विशेष सेवाओं के लोकोमोटिव को भी हाई-प्रेशर, वॉटर-मिस्ट फायर सप्रेशन सिस्टम से लैस किया गया है। ताकि आग लगने की स्थिति में महंगे उपकरणों को बचाया जा सके। आग लगने से जुड़ी सूचना के पूर्व में ही मिल जाने पर अफरा-तफरी का माहौल टाला जा सकेगा। रतलाम रेल मंडल के प्रवक्ता खेमराज मीणा ने बताया कि राजधानी व अगस्त क्रांति ट्रेन के डिब्बों को तेजस श्रेणी के डिब्बों से चलाना शुरू किया है। इससे बड़ा लाभ यह है कि अपराध होने की संभावना न्यूनतम हो गई है।
देखें वीडियो-