देखें VIDEO वाहन लेकर निकलने वालो की हुई पुलिसिया अंदाज में सेवा IMAGE CREDIT: patrika ज्योतिषी जैन के अनुसार रविवार को सूर्य की आराधना का दिन माना गया है। वर्तमान में मकर राशि में मंगल उच्च का है। इसी राशि में शनि मंगल गुरु साथ में है जो 4 मई तक साथ में रहेंगे। सूर्य 14 अप्रैल तक मीन राशि में रहेगा इसके बाद अपनी उच्च राशि मेष में आ जाएगा। शनिग्रह जो वायू का प्रतीक है, शनिग्रह की पूर्ण दृष्टि सूर्यग्रह पर है जो 14 अप्रैल तक रहेगी। 22 मार्च रविवार को चंद्रमा शनि की राशि कुंभ में 17 डिग्री पर था और सूर्य अपनी राशि सिंह से अष्टम में था। 5 अप्रेैल को चंद्रमा सिंह राशि में 17 डिग्री का ही होगा और इस दिन भी सूर्य अपनी राशि से अष्टम होगा। 5 अप्रैल को शनि सीधे चंद्रमा से ऊपर होगा। शनि ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने व सूर्य की ऊर्जा से आत्मबल बढाने तथा चंद्रमा की ऊर्जा से मनोबल को बढाने के लिए रविवार जो सूर्य का वार है इसका चयन किया है।
पहली बार देखें VIDEO, किस तरह रेल डिब्बे बदल रहे आईसुलेशन वॉर्ड में IMAGE CREDIT: patrika शनिग्रह को वायरस का कारण मानते
ज्योतिषी जैन के अनुसार ज्योतिष में शनिग्रह को वायरस यानि केमीकल बनाने का कारक ग्रह भी माना जाता है। रविवार 22 मार्च को चंद्रमा सूर्य की राशि सिंह से सप्तम होकर कुंभ राशि में शनिग्रह में था। इस कारण वायू यानि आवाज के माध्यम से, ताली बजाकर,घंटी बजाकर सभी को सम्मान देने के साथ ही वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयास किया है। अब 5 अप्रैल को चंद्रमा सूर्य की राशि सिंह में होगा जो शनि की राशि कुम्भ से सप्तम होगा। इसलिए चंद्रमा के बल अर्थात प्रकाश ज्योति को बढाने के लिए रात्रि के समय दीपक जलाने का आव्हन किया है, क्योकि मोमबत्ती व रोशनी जलाने से सुपर थर्मोडायनामिक ऊर्जा पैदा होगी। इससे वायरस का प्रभाव कम होगा।
ज्योतिषी जैन के अनुसार ज्योतिष में शनिग्रह को वायरस यानि केमीकल बनाने का कारक ग्रह भी माना जाता है। रविवार 22 मार्च को चंद्रमा सूर्य की राशि सिंह से सप्तम होकर कुंभ राशि में शनिग्रह में था। इस कारण वायू यानि आवाज के माध्यम से, ताली बजाकर,घंटी बजाकर सभी को सम्मान देने के साथ ही वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए प्रयास किया है। अब 5 अप्रैल को चंद्रमा सूर्य की राशि सिंह में होगा जो शनि की राशि कुम्भ से सप्तम होगा। इसलिए चंद्रमा के बल अर्थात प्रकाश ज्योति को बढाने के लिए रात्रि के समय दीपक जलाने का आव्हन किया है, क्योकि मोमबत्ती व रोशनी जलाने से सुपर थर्मोडायनामिक ऊर्जा पैदा होगी। इससे वायरस का प्रभाव कम होगा।