यानी हादसे से पहले ही रेलवे का कंट्रोल रूम पैनल पर पूरा हादसा देख रहा था। इसके अलावा रेलवे की ओर से जारी पत्र में शुरुआती पड़ताल के अनुसार हादसे का कारण भी बताया है। रेलवे के पत्र में कहा गया कि, जिस ट्रेक पर पहले ही हादसा हो चुका था। कंट्रोल रूम से कोरोमंडल एक्सप्रेस को लूप लाइन पर उतारने का सिग्नल दिया गया था, लेकिन तय समय पर लूप लाइन के बजाए पटरी चेंज करके मेन लाइन पर डाली गई थी, जिसके चलते पीछे से आ रही ट्रेन माल गाड़ी से जा टकराई और हादसे ने इतना विकराल रूप ले लिया।
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रेलवे के कंट्रोल पैनल का EXCLUSIVE VIDEO
फिलहाल, हादसे के 15 घंटे बाद बालासोर में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जा चुका है। इधर पुलिस मृतकों के पोस्टमार्टम कराकर शिनाख्त दिखाने के बाद उनके परिशन को शव सौंप रही है। ट्रेन हादसे के कारण राज्य में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है।
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हादसे को लेकर उठ रहे हैं ये 10 सवाल
वहीं, ट्रेन हादसे को लेकर 10 बड़े सवाल उठ रहे हैं। रेलवे के जानकारों के अनुसार, बालासोर हादसे का कारण इन्ही सवालों में छिपा है। इन सभी सवालों के जवाब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मांगे जा रहे हैं।
– पहला सवाल- क्या पटरियों में पहले से कोई खामी थी ?
– दूसरा सवाल- क्या पटरियों की रूटीन जांच में कोई लापरवाही हुई ?
– तीसरा सवाल- क्या पटरियों के साथ कोई छेड़छाड़ हुई ?
– चौथा सवाल- क्या तेज रफ्तार की वजह से डिरेल हुई ट्रेन ?
– पांचवां सवाल- क्या ट्रेनों में एंटी कॉलिजन सिस्टम (कवच) लगा हुआ था ?
– छठा सवाल- अगर कवच था तो फिर टक्कर कैसे हुई ?
– सातवां सवाल- GPS मॉनिटरिंग में ट्रेन हादसे का पता क्यों नहीं चला ?
– आठवां सवाल- स्टेशन पास था तो ट्रेनों की रफ्तार इतनी तेज क्यों थी ?
– नौवा सवाल- क्या दुरंतो एक्सप्रेस का ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम फेल हुआ ?
– दसवां सवाल- क्या रेल में कोई क्रैक था या फिश प्लेट ढीली थी ?