चूहों ने फाड़े टीएचआर बैग
ग्राम सेजावता आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक एक 2 बजकर 40 मिनट के पूर्व ही बंद हो गया। केंद्र के समीप जाकर देखा तो टीएचआर के बैग और पैकेट को चूहे फाड़कर खा रहे थे। वहीं नाश्ते में आई पौष्टिक खिचड़ी आंगनवाड़ी की तीनों खिड़की के पीछे से फेंकी गई थी, जिसके जगह-जगह ढेर लगे हुए थे।
ग्राम सेजावता आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक एक 2 बजकर 40 मिनट के पूर्व ही बंद हो गया। केंद्र के समीप जाकर देखा तो टीएचआर के बैग और पैकेट को चूहे फाड़कर खा रहे थे। वहीं नाश्ते में आई पौष्टिक खिचड़ी आंगनवाड़ी की तीनों खिड़की के पीछे से फेंकी गई थी, जिसके जगह-जगह ढेर लगे हुए थे।
जंगली जीव जंतु का खतरा
ग्राम सेजावता के ही आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक दो पर भी समय पूर्व ताले लगे हुए थे। जर्जर भवन के अंदर और बाहर चूहे दौड़ रहे थे। परिसर में साफ-सफाई नहीं होने के कारण जंगली घांस उग रही थी। कई दिनों से साफ-सफाई नहीं की गई थी। केंद्र की पीछे से दीवारे जर्जर हो रही तो चारों चरफ घांस के कारण जंगली जीव जंतु का खतरा मंडराता रहता है।
ग्राम सेजावता के ही आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक दो पर भी समय पूर्व ताले लगे हुए थे। जर्जर भवन के अंदर और बाहर चूहे दौड़ रहे थे। परिसर में साफ-सफाई नहीं होने के कारण जंगली घांस उग रही थी। कई दिनों से साफ-सफाई नहीं की गई थी। केंद्र की पीछे से दीवारे जर्जर हो रही तो चारों चरफ घांस के कारण जंगली जीव जंतु का खतरा मंडराता रहता है।
जर्जर आंगनवाड़ी, खुले में पढ़ते नौनिहाल, सुविधाघर में गड्ढा
सिखेड़ी गांव के दोनों आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हो रहे हैं। क्रमांक एक में कई जगह फर्श उखड़े पड़े हुए हैं, बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। इसलिए बच्चों को खुले में बाहर ही बिठाया जाता है। इस केंद्र 120 बच्चे दर्ज है और 50 के करीब आना बताया जाता है। आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक दो की छत जर्जर होकर सरिया बाहर निकले आए जिससे कभी हादसा हो सकता है। बच्चों के लिए बनाए सुविधाघर में बड़ा गड्ढा हो रहा है, जिसे बंद तक नहीं किया गया। शौच के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है। यहां के बच्चे भी बाहर बरामदे में ही पढ़ाई करते है। दोनों केंद्रों पर नल कनेक्शन है, लेकिन बंद पड़े है।
सिखेड़ी गांव के दोनों आंगनवाड़ी केंद्र जर्जर हो रहे हैं। क्रमांक एक में कई जगह फर्श उखड़े पड़े हुए हैं, बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। इसलिए बच्चों को खुले में बाहर ही बिठाया जाता है। इस केंद्र 120 बच्चे दर्ज है और 50 के करीब आना बताया जाता है। आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक दो की छत जर्जर होकर सरिया बाहर निकले आए जिससे कभी हादसा हो सकता है। बच्चों के लिए बनाए सुविधाघर में बड़ा गड्ढा हो रहा है, जिसे बंद तक नहीं किया गया। शौच के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है। यहां के बच्चे भी बाहर बरामदे में ही पढ़ाई करते है। दोनों केंद्रों पर नल कनेक्शन है, लेकिन बंद पड़े है।