केंद्र व राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी जिले में वायु प्रदूषण का स्तर कम होता नहीं दिख रहा है। यह स्थिति तब है जब जिले में 2018 में प्रदूषण कम करने के लिए प्रदूषण सुधार की योजना बनी थी। शहर के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर घटने की जगह तेजी से बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार नीमच एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 (एक्यूआई) से अधिक होकर प्रदेश के टॉप 10 शहरों में जगह बनाए हुए है।
ये है प्रमुख कारण जिले में प्रदूषण बढऩे की सबसे बड़ी वजह शहर की जर्जर-खस्ताहाल रोड, बिना ढंके निर्माण कार्य, फूटपाथ व रोड पर उड़ती धूल, पानी का छिडक़ाव नहीं कराए जाना और हवा में बदलाव नहीं होना है। जबकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने जिले में वायु गुणवत्ता को कम करने प्रशासन, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर पालिका, यातायात पुलिस, पीडब्ल्यूडी, हाउसिंग बोर्ड, कृषि विभाग व वन विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं, लेकिन इन विभागों ने अब तक सख्ती के साथ ठोस कदम नहीं उठाए शहर में रिंग रोड के अभाव में बस स्टैंड से शहर में होते हुए मंदसौर-इंदौर-उज्जैन व झालवाड़ से लेकर कोटा, चित्तौडगढ़, उदयपुर तब यात्री बस जाती है।
गुणवत्ता का पैमाना प्रदूषण के लिए एक्सयूआई निर्धारित है। एक्यूआई में 0 से 50 तक गुड श्रेणी में आता है। वहीं 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 मॉडरेट, 201 से 300 में पुअर, 301 से 400 रहने पर सीवर श्रेणी में आता है। शहर से लेकर अंचल तक वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब है। शहर के ही चारों केंद्र पर हर दिन एयर इंडेक्स 100 से अधिक आ रहा है। इसमें अस्पताल के करीब के क्षेत्र भी शामिल है। ऐसे में ये समझा जा सकता है कि शहर के अन्य क्षेत्र के हालात किस तरह के होंगे।
इसके लिए जरूरी काम करना रोड पर आने वाली धूल को रोकने के साथ ही कच्चे स्थानों पर पेवर्स लगाई जाए, जहां पेवर्स नहीं वहां घास लगाई जाए। ग्रीन बेल्ट एरिया में पेड़ों की छटाई समय-समय पर करें, वाहनों की जांच हो व पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए। – निर्माण कार्य ढंककर ही किया जाए और खाली स्थानों पर अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाए।
तापमान कम होने व हवा की गति कम होने से प्रदूषण तत्वों का फैलाव नहीं होने से प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। यह करीब एक महीने में नियंत्रित होगा, इसलिए लोगों को सावधानी रखना जरूरी है।
वह प्रदूषण वाले स्थान पर कम से कम जाए व मास्क का प्रयोग करें। सेहत के लिए खतरनाक ये शहर में प्रदूषण बढऩा काफी चिंता का विषय है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अधिक होने से आमजन को हवा में सांस लेने से श्वास संबंधी रोग, ब्रोंकाइटिस, गले का दर्द, निमोनिया, फेफड़े का कैंसर, ह्दय रोग व मधुमेह सहित अन्य बीमारियों का खतरा है।
– डॉ. महेंद्र पाटील, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल प्रयास किए जाएंगे प्रदूषण बढ़ा हुआ है। कम करने के भी प्रयास किए जाएंगे, प्रदूषण कम कने का प्रयास सभी की सहभागिता से संभव है। सभी लोग मिलकर काम करेंगे, तभी यह नीचे आएगा।
दिनेश जैन, कलेक्टर नीमच