– काल सेंटर के सर्वर की क्षमता चार गुना होने से डाटा संग्रहण और तेजी से होगा।
– काल सेंटर का तकनीकी कार्य आउट सोर्स की बजाए स्वयं कंपनी करने से समय कम लगेगा, जरूरत होने पर तुरंत अपडेशन/बदलाव कार्य होगा।
– काल सेंटर से लाइन स्टाफ को अब तुरंत मैसेज व नोटिफिकेशन जाएगा, काल लगाने की नौबत नहीं आएगी।
– काल सेंटर पर काल की वेटिंग आने पर उपभोक्ता काल बैक रिक्वेस्ट बटन दबाने पर काल सेंटर कर्मचारी पुन: काल करेंगे।
पहले ये परेशानी महसूस की गई थी – काल आने की लाइन्स यानि चैनल्स 120 ही होने पर मौसम में बदलाव आने पर काल नहीं लगते थे, शिकायतें बढ़ जाती थी।
– आउटसोर्स के माध्यम से तकनीकी सुविधाएं लेने पर कई बार कार्य विलंबित होने से परेशानी रहती थी, छुट्टी के दिनों में कार्य नहीं होता था, कार्य के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।
– सर्वर की क्षमता पहले 32 जीबी ही होने से डाटा संग्रहण कम होता था, क्वालिटी मैनेजमेंट/ कंज्यूमर सेटिसिफिकेशन के लिए काल रिकार्डिंग भी सीमित मात्रा में होती थी।
– उपभोक्ता की शिकायत दर्ज होने के संबंधित जोन/ वितरण केंद्र के स्टाफ को फोन लगाकर सूचना देना पड़ती थी। कई बार मोबाइल पर काल नहीं लग पाता था।
– मौसम में बदलाव पर एक साथ बड़ी संख्या में काल आने पर लंबी वेटिंग चलती थी, उपभोक्ता कई बार नाराज हो जाते थे।
– आउटसोर्स के माध्यम से तकनीकी सुविधाएं लेने पर कई बार कार्य विलंबित होने से परेशानी रहती थी, छुट्टी के दिनों में कार्य नहीं होता था, कार्य के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।
– सर्वर की क्षमता पहले 32 जीबी ही होने से डाटा संग्रहण कम होता था, क्वालिटी मैनेजमेंट/ कंज्यूमर सेटिसिफिकेशन के लिए काल रिकार्डिंग भी सीमित मात्रा में होती थी।
– उपभोक्ता की शिकायत दर्ज होने के संबंधित जोन/ वितरण केंद्र के स्टाफ को फोन लगाकर सूचना देना पड़ती थी। कई बार मोबाइल पर काल नहीं लग पाता था।
– मौसम में बदलाव पर एक साथ बड़ी संख्या में काल आने पर लंबी वेटिंग चलती थी, उपभोक्ता कई बार नाराज हो जाते थे।
उपभोक्ता के लिए है बड़ा निर्णय अब तक कंपनी के हेल्पलाइन नंबर 1912 पर जब कोई फोन करता था तो लाइन व्यस्त होने की दशा में या तो इंतजार करना होता था या उपभोक्ता को दूसरी बार फोन करना होता था, अब इसमे बदलाव करके चेनल की संख्या में बढ़ोतरी की है। इससे वैटिंग नहीं करना होगा, अगर हुआ भी तो पलटकर कंपनी की तरफ से फोन जाएगा।
– संतोष टैगोर, मुख्य महाप्रबधंक, मप्रपक्षेविविकं