यह भी पढे़ं -चर्म रोग से दूर करती है योगिनी एकादशी, ये करने से होगा लाभ, राशि अनुसार करें उपाय ज्योतिषी जोशी ने बताया कि धर्म के नजरिए से माता-पिता की भावनाएं संतान के लिए गहरी और नि:स्वार्थ होती है। कई अवसरों पर माता-पिता और संतान के बीच अपेक्षा या महत्वाकांक्षा के चलते रिश्तों में तनाव व मनमुटाव भी देखा जाता है। सच यही है कि माता-पिता और संतान के बीच रिश्तों का अटूट बंधन होता है। हर माता-पिता भी पुत्र हो या पुत्री दोनों के सुख, सुविधा और तरक्की की चाहत रखते हैं। इसके लिए वह जीवन भर हरसंभव कोशिश करते हैं।
यह भी पढे़ं -ग्रहण की रात करें इन मंत्रों का जप, हो जाएगी हर बाधा दूर ज्योतिष व शास्त्र में है उल्लेख शास्त्रों में कुछ ऐसे सरल मंत्र बताए गए हैं, जिनका नियमित रूप से कुछ देर के लिए ध्यान या जप संतान को तन, मन और धन सभी परेशानियों से बचाता है। यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान है, जिनका चरित्र माता-पिता और संतान के रिश्तों के लिए भी आदर्श है। साथ ही वह हर संकट से रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजनीय है।
यह भी पढे़ं -15 दिन में दो ग्रहण, एक अमावस्या को तो दूसरा पूर्णिमा को, भूलकर मत करना ये 5 काम इस तरह करें बाल कृष्ण का पूजन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप या बालकृष्ण की गंध, अक्षत, फूल अर्पित कर पूजा करें और खासतौर पर मक्खन का भोग लगाएं। पूजा के बाद इस मंत्र का जप करें। इसके लिए सुबह या शाम के समय का चयन करें। इसमे एक बात का विशेष ध्यान ये रखें कि जो समय का चयन हो, उस समय में परिवर्तन नहीं किया जाए। सुबह या शाम को स्नान करके सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की तस्वीर को सामने रखे।
यह भी पढे़ं -Lunar Eclipse 2019: पूर्णिमा को आ रहा चंद्र ग्रहण, इन राशि वालों को रहना होगा सावधान इसके बाद धूप, अगरबत्ती, गंध, अक्षत, पुष्प, के साथ पूजन करें। इसके बाद नैवेद्य में माखन व मिश्री का भोग लगाए। पहले दिन जब पूजन करें तब हाथ में सबसे पहले जल लेकर संकल्प ले कि आपके बच्चे को धन, मन के साथ तन की रक्षा हो। इसके बाद प्रतिदिन 108 मंत्र जप करने से लाभ होगा।
यह भी पढे़ं -2 जुलाई को आ रहा सूर्य ग्रहण, राशियों पर होगा यह असर यह सरल मंत्र इस प्रकार है- श्री कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत: क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नम:। यह भी पढे़ं -रेलवे का करोड़ों पैसेंजर्स के लिए सबसे बड़ा निर्णय, 22 दुरंतो ट्रेन के लिए हुआ ये फैसला
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