श्रद्धा और भक्ति का यह अद्वितीय केंद्र श्रावण मास में शिवभक्ति का अहम स्थल भी बन गया है। त्रिवेणी संगम स्थित मनकामनेश्वर महादेव का यह धाम वैसे तो आसपास के हजारों श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र है, लेकिन शिवभक्ति के श्रावण में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। महादेव के दरबार में दूरदराज से भक्त मनोकामना लिए पहुंचते हैं। प्राचीन मान्यताओं व किवदंतियों के कारण भी इस स्थान से आस्था की डोर मजबूती से जुड़ी है। मनोकामना लिए भक्त यहां शिव का अभिषेक करने पहुंचते हैं, तो त्रिवेणी में डूबकी लगाने के साथ मोक्ष प्राप्ति की कामना भी करते हैं।
तीन नदियों का संगम
मनकामनेश्वर महादेव मंदिर त्रिवेणी संगम तट पर स्थित है। यह चंबल, पिंगला व मलेनी का संगम है। संगम पर ही आसपास के चार-पांच गांव का मुक्तिधाम है, इसलिए हरिद्वार व उज्जैन में होने वाली मोक्ष व पिंडदान की अंतिम क्रियाएं भी इस त्रिवेणी संगम तट पर होती हैं। इसी कारण इसे मोक्षदायनी स्थल भी कहा जाता है। यह भी पढ़ें- International Tiger Day : घटते जंगल में बढ़ रही है वर्चस्व की लड़ाई, बाघिन टी-11 कमली से सुनें जंगल का सच
पुत्र प्राप्ति के बाद मनकामनेश्वर महादेव
माना जाता है कि मनकामनेश्वर महादेव मंदिर पर जलाभिषेक करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। महादेव के इस पवित्र स्थल से सैलाना के राजा को पुत्र प्राप्ति हुई थी, तभी से इस स्थान का नाम मनकामनेश्वर महादेव पड़ा है। यह भी पढ़ें- गाय ने कर दिया ऐसा नुकसान, रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस चौकी पहुंच गया शख्स, शिकायत सुनकर पुलिस भी सोच में पड़ गई