ऐसा नहीं की इस संबंध में शिकायत नहीं हुई, कई बार शिकायत होती है, लेकिन मंडी में बैठे जिम्मेदार भी इन कब्जाधारी व्यापारियों के आगे अपने आप को असहाय महसूस करते हैं। सैलाना बस स्टैंड लहसुन-प्याज और सब्जी मंडी की बात करें तो यहां करीब 8-9 किसान शेड बने है, कहीं पर व्यापारियों ने खरीदा हुआ प्याज लहसुन जमा रखा है, तो कहीं पर केरेट व अपने-अपने कब्जे के मान से जालीदार पिंजरे तक लगा रखे हैं। इस कारण हर दिन किसानों को इन शेडों के बाहर ही अपनी उपज रखना पड़ती है और नीलामी में भाग लेना होता है।
अनाज मंडी के भी यहीं हाल महू-नीमच रोड स्थित अनाज मंडी के भी यहीं हाल है, यहां पर भी अधिकांश किसान शेडों पर व्यापारियों ने अपना खरीदा माल के अलावा बोरे और अन्य सामग्री जमा रखी है। यहां पर पर तो व्यापारियों ने ग्रीन नेट लगाकर अपना-अपना कब्जा और सीमा बांध रखी है, जबकि सब के पास अपनी अपनी दुकान और गोदाम हैं।
इनका कहना है… माल खरीदने के बाद कुछ माल व्यापारी का बच जाता है तो रखा होगा। अगर लम्बे समय तक माल शेड पर जमा रखा रहेगा और अधिक परेशानी आएगी तो दिखवा लेंगे।
एमएस मुनिया, सचिव कृषि उपज मंडी, रतलाम
एमएस मुनिया, सचिव कृषि उपज मंडी, रतलाम