जिले के ग्रामीण क्षेत्र में बिलपांक के प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर में काशी व महाकाल की तर्ज पर कॉरिडोर निर्माण की तैयारी की जा रही है। मंदिर भारत के पर्यटन नक्शे में सम्मिलित होगा। मंदिर के कॉरिडोर निर्माण पर लगभग साढ़े 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कुछ राशि शासन तो कुछ जनसहयोग से एकत्र होगी। विधायक दिलीप मकवाना ने भी विधायक निधि से राशि की घोषणा की है।
परमार कला के समकालीन रतलाम जिले में विरुपाक्ष महादेव का मंदिर अपनी रोचक दास्तान के साथ इतिहासकारों के लिए लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। यह मंदिर गुर्जर चालुक्य शैली (परमार कला के समकालीन) का मनमोहक उदाहरण है। वहां के स्तम्भ व शिल्प सौंदर्य इस काल के चरमोत्कर्ष को दर्शाते हैं। वर्तमान मंदिर से गुजरात के चालुक्य नरेश सिद्धराज जयसिंह संवत् 1196 का शिलालेख प्राप्त हुआ है। इससे ज्ञात होता है कि महाराजा सिद्धराज जयसिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
वर्ल्ड हेरिटेज साइट रतलाम से 20 किमी दूर एक छोटे से गांव बिलपांक में प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर है, जो एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट है। मान्यता है कि इसके गर्भगृह में जो शिवलिंग है उसमें चमत्कारी शक्तियां है। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने निर्माण कार्य में मदद के लिए कई बैठक ली है व आर्थिक रुप से मदद मिलना शुरू भी हो गई है।
महाकाल लोक की तरह बनाने की योजना विरूपाक्ष महादेव मंदिर को महाकाल लोक की तरह बनाने की योजना है। इस पर शुरुआती काम शुरू हो गया है। – नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर
कार्य शुरू हो गया विरूपाक्ष महादेव मंदिर को काशी के श्री विश्वनाथ महादेव और उज्जैन के श्री महाकाल लोक की तरह बनाने का कार्य शुरू हो गया है। – दिलीप मकवाना, विधायक