VIDEO : मिल गया मोटापा व बांझपन दूर करने का आसान उपाय पूर्व मुख्यमंत्री व कांगे्रस नेता दिग्विजयसिंह का मानना है कि राज्य की सरकार हर प्रकार के माफिया के खिलाफ है। इंदौर में ब्लैकमेलर के खिलाफ शुरू हुआ अभियान अब पूरे प्रदेश में शुरू हो गया है। इससे सिंघम फिल्म के नायम की याद आती है। कांगे्रस नेता राहुल गांधी ने संसद व संसद के बाहर कुछ गलत नहीं बोला। सावरकर को कालापानी की सजा हुई थी यह जितना सत्य है उतना ही सच यह भी है कि वे अंगे्रजों से माफी मांगकर बाहर आए थे, बल्कि उनके साथ साथ काम भी किया।
IRCTC : रेलवे स्टेशन पर नाश्ते और भोजन के दाम में इजाफा चरम पर था भ्रष्टाचार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कहा कि 15 वर्ष में शिवराजसिंह सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार चरम पर था। हमारे समय काी हनीट्रेप जैसे मामले सामने आए। उस समय ब्लैकमेल की राजनीति चल रही थी। उस माफिया को उखाडऩे का संकल्प राज्य सरकार ने लिया है। हनी ट्रेप मामले की जांच चल रही है। राज्य सरकार के कामकाज पर कहा कि सिंघम के नायक की याद कमलनाथ सरकार ने दिला दी है। माफिया किसी भी तरह को उसको बख्शा नहीं जाएगा।
चुनाव में भाजपा की मदद की, अब मिलेगी सजा Digvijay Singh h attacks,Digvijay Singh attacks bjp-shivsena,Digvijay Singh” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/01/digvijay_5510369-m.jpg”>सावरकर पर बोले यह बात कांगे्रस नेता राहुल गांधी के बाद अब दिग्विजयसिंह ने कहा कि सावरकर ने माफी मांगी इसलिए वे जेल से बाहर आए। अंगे्रजो के मन में नेहरू से लेकर गांधी के प्रति भय था, लेकिन सावरकर तो मिल गए थे। वे अंगे्रजों का साथ दे रहे थे। अगर यह नहीं हुआ होता तो कोई जवाब दे कि सावरकर को जेल से अचानक रिहा क्यों किया गया। इतना ही नहीं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी तो जब कश्मीर में धारा 370 लगाई गई तब केबिनेट के सहयोगी थे। विरोध क्यों नहीं किया। सरदार पटेल ने तो कहा था कि जुनागढ़ दे दो, भले कश्मीर ले लो।
रेलवे की नेतागिरी छोड़ो या नौकरी, बैठक में लिया निर्णय महाराष्ट्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई, क्योंकि वहां पर धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाना थी। दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है, कांगे्रस ने उसी बात पर अमल किया। लक्ष्मणसिंह द्वारा सरकार के खिलाफ दिए जाने वाले बयान पर कहा कि वे वयस्क है। सभी को लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार है।
कमलनाथ सरकार का बड़ा निर्णय, गांव गांव में खुशी की लहर कैब पर बोले सिंह एपआरसी व कैब पर बोलते हुए कहा कि असम में 1600 करोड़ रुपए व्यय के बाद यह मिला कि वहां पर रोज हिंसा हो रही है। हम तो कहते है कि देश का हर व्यक्ति सड़क पर उतरे व इसका विरोध करें। जो सेना में रहे उनके ही नाम असम में एपआरसी में नहीं आए। डिटेंनशन कैंप में जो व्यय होगा वो भाजपा नहीं देगी, वो आपके हमारे रुपए से होगा। तो फिर यह सब करके लाभ क्या मिलेगा। दुनिया का कोई देश इनको नहीं लेगा। इसकी आड़ में मुसलमानों पर अत्याचार हुआ तो कांगे्रस चुप नहीं बैठेगी। मुसलमानों को भरोसे में नहीं लिया तो हालात और बिगडे़ंगे।