रेलवे अस्पताल में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एेके मालवीय के अनुसार वे लोग जो लगातार हाथ या पैर की उंगलियों को चटकाते है, उनमे अन्य सामान्य लोगों के मुकाबले गठिया रोग होने की प्रबल संभावना रहती है। इसके अलावा अन्य अनेक प्रकार की बीमारी को एेसे लोग आमंत्रण देते है। एेसे में ये बेहद जरूरी है कि अगर आप एेसे काम करते है तो जरा सावधान हो जाए।
ये होता है चटकाने से डॉ. मालवीय के अनुसार आप अगर लगातार हाथ या पैर की उंगलियों को चटकाते है तो इससे उंगलियों पर पडऩे वाले दबाव के कारण इनके जोड़ में खिंचाव होने लगाता है। असल में शरीर की हड्डियां लिगामेंट से जुड़ी होती है। जिसे जोड़ कहते है। इन जोउ़ के बीच एक खास प्रकार का द्रव जिसे कार्बन डाई आक्साइड कहा जाता है वो होता है। ये इन जोड़ में ग्रीस की तरह काम करता है। लगातार उंगलियों को चटकाने से ये ग्रीस की मात्रा कम होते-होते एक दिन समाप्त हो जाती है।
इसलिए आती है आवाज आप से सवाल कर सकते है कि हाथ या पैर की उंगलियों को चटकाने से ये आवाज क्यों आती है। हड्डी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मालवीय कहते है कि जोड़ों में दबाव कम होने पर कार्बन डाई आक्साइड खाली स्थान को भरने का काम करती है, जिससे इस द्रव में बुलबुले बन जाते है। इसके चलते उंगलियों को चटकाने पर आवाज आती है।
इसलिए तुरंत नहीं आती फिर आवाज डॉ. मालवीय के अनुसा एक बार उंगलियों को चटकाने से से बुलबुले फट जाते है। इनको फिर से बनने में करीब १५ से २० मिनट का समय लगता है। इसलिए जब तुरंत इनको चटकाया जाता है तो आवाज नहीं आती है। लेकिन एेसा बार-बार करने से ये जोड़ कमजोर हो जाते है। क्योकि इससे द्रव में गैस नहीं घुल पाती है। इससे गठिया रोग होता है। इसलिए अगर आपको ये गंदी आदत है तो आज ही छोड़ दे।
इस बारे में ये कहते है ज्योतिषी उंगलियां चाहे हाथ की हो या पैर की, इनको चटकाना अशुभ होता है। ये कहना है रतलाम के ज्योतिषी वीरेंद्र रावल का। रावल के अनुसार जब किसी व्यक्ति का चंद्र कमजोर होता है व उस पर राहु का साया होता है तो एेसे लोग इस प्रकार की हरकत करते है। एेसे में ये करने से ओर ग्रह कमजोर होते है। इससे मन कमजोर होता है व निर्णय लेने की क्षमता पर असर होता है। इसलिए बेहतर है कि ये काम नहीं किया जाए।