ज्योतिषी रावल ने कहा कि जरूरी यह है कि इस काले धागे को शरीर के सही अंग पर बांधा जाए। क्योंकि अगर आप इसे कंही भी बांध लेते हैं, तो इसका असर नहीं होता। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि काला धागा बांधा कहां पर जाता है। कुछ लोग तो इसको कभी हाथ में तो कभी गले में धारण करते हैं, जबकि हर व्यक्ति के लिए इसको बांधने के लिए अलग-अलग स्थान शरीर में तय है।
मंत्र का रहता विशेष महत्व ज्योतिषी रावल ने कहा कि सिर्फ धागा बांधना काफी नहीं होता है, उसमे बुरी नजर से बचाने वाले मंत्रों का होना भी बेहद जरूरी है। इसलिए अगर कोई योग्य व्यक्ति न मिले व बार-बा बुरी नजर लगती है तो हनुमान चालिसा का पाठ करके काला धागा का सिद्ध किया जा सकता है।
रविवार को होता ये लाभ ज्योतिषी रावल ने बताया कि रविवार को दोपहर 1 बजे से 2 बजे के मध्य दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर से काला धागा लाकर सीधे हाथ की कलाई पर बांधने से अटके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं। रविवार की शाम को भैरव मंदिर में एक काला धागा ले जाएं और उस पर सिंदूर लगाएं। इसके बाद धागे को बाएं हाथ की कलाई पर बांध लें। ऐसा करने से बच्चों को बुरी नजर नहीं लगती है। शनिवार को हनुमानजी के पैर का सिंदूर लगा हुआ काला धागा गले में धारण करें। ऐसा करने से बीमारी में दवा का लाभ होने की शुरुआत होती है। धन की समस्या हो तो एेसे लोगों को शनिवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में सरसों का तेल लगाकार काला धागा लेकर हाथ में बांधना चाहिएं, इससे बड़ा लाभ होता हैं।