रतलाम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भले ही हर घर जल को सर्वोच्च प्राथमिकता बता रहे हैं लेकिन प्रदेशवासियों को घर में नल की टोंटी के लिए अभी लम्बा इंतजार करना पड़ेगा। जल जीवन मिशन में बुरहानपुर जिले की 100 फीसदी उपलब्धि के बाद केवल इंदौर लक्ष्य की तरफ बढ़ रहा है। 33 जिलों में तो अभी तक आधा काम भी नहीं हो पाया। प्रदेश के 51548 गांवों में से शासन ने 6747 में 100 फीसदी कार्य का दावा भी कर दिया, लेकिन जांच में 2110 ही सत्यापित हो पाए। वहीं 26148 गांवों में अभी प्लान तक नहीं बना है।
ये हैं हालात
अभी जल जीवन मिशन में मध्यप्रदेश की 44.60 प्रतिशत प्रगति हुई है। कुल 51548 गांवों में से 6747 गांवों और 2104 ग्राम पंचायतों के हर घर में नल से पानी पहुंचाने का दावा है, लेकिन सत्यापन क्रमश: 2110, 712 का ही हो पाया। एक जिले और दो ब्लॉकों ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रदेश के 20643 गांवों में कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है तो 26148 में अभी प्लान तक नहीं बना है। वर्ष 2022-23 में 1300.97 करोड़ रुपए केन्द्र बजट और राज्य सरकार के हिस्से के 2599.44 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं।
फैक्ट फाइल
कुल घर- 1,20,06083
15 अगस्त 2019 तक नल से जुड़े- 13,53,151 (11.27 प्रतिशत)
अब तक नल से जुड़े- 53,55,071 (44.60 प्रतिशत)
स्थान- देश के राज्यों में अभी प्रगति में 25वां स्थान
तीन जिले नीचे पायदान पर
सबसे ज्यादा छत्तरपुर, सतना व पन्ना की खराब है। यहां अभी तक 22 फीसदी से भी कम कार्य हो पाया है।
यह है योजना
केन्द्र सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने की मंशा से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाना है। हर घर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ एवं सुरक्षित जल उपलब्ध कराया जाना है। लक्ष्य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है। तीन वर्ष में आधा कार्य भी नहीं हो पाया, अब केवल दो वर्ष शेष हैं।
इनका कहना है
कोरोना के चलते दो साल ज्यादा कार्य नहीं हुआ। इसलिए दिक्कत आ रही है। अब इस योजना में तेजी से टेंडर जारी कर कार्य को गति दे रहे हैं।
मलय श्रीवास्तव
अपर मुख्य सचिव
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
ये हैं हालात
अभी जल जीवन मिशन में मध्यप्रदेश की 44.60 प्रतिशत प्रगति हुई है। कुल 51548 गांवों में से 6747 गांवों और 2104 ग्राम पंचायतों के हर घर में नल से पानी पहुंचाने का दावा है, लेकिन सत्यापन क्रमश: 2110, 712 का ही हो पाया। एक जिले और दो ब्लॉकों ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रदेश के 20643 गांवों में कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है तो 26148 में अभी प्लान तक नहीं बना है। वर्ष 2022-23 में 1300.97 करोड़ रुपए केन्द्र बजट और राज्य सरकार के हिस्से के 2599.44 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए हैं।
फैक्ट फाइल
कुल घर- 1,20,06083
15 अगस्त 2019 तक नल से जुड़े- 13,53,151 (11.27 प्रतिशत)
अब तक नल से जुड़े- 53,55,071 (44.60 प्रतिशत)
स्थान- देश के राज्यों में अभी प्रगति में 25वां स्थान
तीन जिले नीचे पायदान पर
सबसे ज्यादा छत्तरपुर, सतना व पन्ना की खराब है। यहां अभी तक 22 फीसदी से भी कम कार्य हो पाया है।
यह है योजना
केन्द्र सरकार ने देश के सभी गांवों में हर घर तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचाने की मंशा से 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में नल के जरिये स्वच्छ जल पहुंचाना है। हर घर प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर स्वच्छ एवं सुरक्षित जल उपलब्ध कराया जाना है। लक्ष्य पूरा करने के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है। तीन वर्ष में आधा कार्य भी नहीं हो पाया, अब केवल दो वर्ष शेष हैं।
इनका कहना है
कोरोना के चलते दो साल ज्यादा कार्य नहीं हुआ। इसलिए दिक्कत आ रही है। अब इस योजना में तेजी से टेंडर जारी कर कार्य को गति दे रहे हैं।
मलय श्रीवास्तव
अपर मुख्य सचिव
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग