रेलवे के सूत्रों ने बताया कि देशभर में आरपीएफ ने ऐसे मामलों की निगरानी करना शुरू कर दिया है, जिसमे टिकट किसी और की आईडी से आरक्षित हुआ और यात्रा कोई और कर रहा है। ऐसे मामले में जयपुर आरपीएफ ने कार्रवाई की है। इस प्रकार की कार्रवाई अब रतलाम सहित देशभर में करने को कहा गया है। असल में एक आईडी से कोई भी व्यक्ति 12 टिकट का आरक्षण कर सकता है, लेकिन यह आरक्षण स्वयं के साथ – साथ परिवार के सदस्य के लिए हो। दूसरों के लिए अब टिकट का आरक्षण करना अपराध की श्रेणी में मान लिया गया है।
दंड का प्रावधान है
अगर आईडी स्वयं के टिकट के लिए बनी है तो इससे परिवार के सदस्यों को छोड़कर अन्य के लिए टिकट आरक्षित करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे मामलों में दंड का प्रावधान है।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक
अब चलेगा जागरुकता का अभियान
आरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार अनजाने मे कई बार लोग अपने मित्रों के लिए टिकट का आरक्षण कर रहे है। जबकि इसको कारोबार की श्रेणी में ले लिया गया है। ऐसे में आरपीएफ इस मामले में जागरुकता का अभियान भी चलाने जा रही है। जिसमे बताया जाएगा कि किस तरह स्वयं की आईडी से अन्य का टिकट करना अपराध है।