कार्रवाई की जद में आया बंगला शहर के यातायात थाने के सामने वाली गली में था। ये बंगला शफी के भाई मोहम्मद अय्यूब के बेटे मोहम्मद इरफान और जफर इकबाल के नाम पर था लेकिन इसपर शफी के लोग ही काबिज थे। करोड़ों रुपए के अलीशान बंगले को प्रशासन ने जमींदोज कर दिया। इस भवन के भूति की रजिस्ट्री दोनों बेटों के नाम से तब हुई थी जब यह दोनों नाबालिग थे। यातायात थाने के सामने वाली गली में 5200 वर्ग फीट में बने बंगले का इंटीरियर (आंतरिक सजावट) देख कार्रवाई करने पहुंचे अफसर भी हतप्रभ भी रह गए। इनके निर्माण में उ’च गुणवत्ता के मार्बल फ्लोरिंग और सीलिंग में डिजाइर पीओपी टाइल्स का उपयोग किया गया था।
सीएसपी नरेंद्र सोलंकी ने बताया कि इस भवन के निमार्ण की अनुमति नगर पालिका से नहीं ली गई थी। कार्रवाई को रोकने के लिए आरोपियों ने कोर्ट में आवेदन भी लगाया था, जिस पर नगरपालिका की ओर से जवाब दायर किया गया। मकान के वैध कागजात नहीं होने से आरोपियों को कोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है।
एएसपी मनकामना प्रसाद ने बताया कि अन्य माफिया के भवनों को चिह्ंित करने का काम जारी है। जो-जो भी अवैध भवन सामने आ रहे है। उनको नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। यातायात थाने के सामने स्थित भवन को तोडऩे की कार्रवाई सुबह 11 बजे से शुरू हुई, जो देर रात तक जारी रही। नगर पालिका के अधिकारियों ने बताया कि इस भवन के निर्माण की अनुमति नहीं ली गई थी, जिसके चलते इसे अवैध मानते हुई कार्रवाई की गई।