एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया निरीक्षण के दौरान देखा गया कि ट्रेनों में आरपीएफ के जवान ही ड्यूटी करते है। इसमें कोई छोटा अधिकारी भी या प्रधान आरक्षक तक मौजूद नहीं रहता। यानी ट्रेनों में मौजूद आरपीएफ की टीम का कोई इन्चार्ज मौजूद नहीं होता है। इससे यह माना गया कि ट्रेनों की सुरक्षा का कोई सुपरविजन बड़े अधिकारियों के पास नहीं होता है और ट्रेनों में आरपीएफ जवान की तैनाती केवल एक रूटीन काम और रस्म की तरह निभा दिया जाता है। इसे बेहतर करने के लिए आरपीएफ के महानिदेशक ने कई तरह के आदेश जारी किए हैं।
अधिकारी का रहना जरूरी
नए आदेश के अनुसार एस्कॉर्ट पार्टी में एक अधिकारी का मौजूद होना जरूरी किया गया है। अगर अधिकारी मौजूद न हो तो इंचार्ज के तौर पर एक हेड कॉन्स्टेबल जरूर मौजूद हो। ट्रेनों में तैनात आरपीएफ की टीम को पहले से ही पूरे रूट की जानकारी देना जरूरी होगा यानि इलाके के अपराधियों, अपराध के तरीके की जानकारी और इस दौरान उन्हें क्या करना है व किस तरह से निपटना है।
नए आदेश के अनुसार एस्कॉर्ट पार्टी में एक अधिकारी का मौजूद होना जरूरी किया गया है। अगर अधिकारी मौजूद न हो तो इंचार्ज के तौर पर एक हेड कॉन्स्टेबल जरूर मौजूद हो। ट्रेनों में तैनात आरपीएफ की टीम को पहले से ही पूरे रूट की जानकारी देना जरूरी होगा यानि इलाके के अपराधियों, अपराध के तरीके की जानकारी और इस दौरान उन्हें क्या करना है व किस तरह से निपटना है।
सिग्नेचर एक्सचेंज करना होगा
ट्रेनों में सुरक्षा के लिहाज से मौजूद आरपीएफ टीम को स्टेशनों पर मौजूद टीम से सिग्नेचर एक्सचेंज करना होगा। रेलवे में ट्रेनों में एस्कॉर्ट कर रहे आरपीएफ को हर सफर के दौरान एक कमांड सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस पर स्टेशन पर मौजूद इंचार्ज को सिग्नेचर करना होगा, जबकि प्लेटफॉर्म पर भी आरपीएफ की ड्यूटी के लिए बिट बुक होता है और इस बुक पर ट्रेन के आरपीएफ इंचार्ज को सिग्नेचर करना होगा। इससे यह भी पुख्ता हो जाएगा कि ट्रेन में कोई इंचार्ज मौजूद है या नहीं. साथ ही रूट के स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ की टीम से आगे के रूट की पूरी जानकारी भी ली जा सकेगी।
ट्रेनों में सुरक्षा के लिहाज से मौजूद आरपीएफ टीम को स्टेशनों पर मौजूद टीम से सिग्नेचर एक्सचेंज करना होगा। रेलवे में ट्रेनों में एस्कॉर्ट कर रहे आरपीएफ को हर सफर के दौरान एक कमांड सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस पर स्टेशन पर मौजूद इंचार्ज को सिग्नेचर करना होगा, जबकि प्लेटफॉर्म पर भी आरपीएफ की ड्यूटी के लिए बिट बुक होता है और इस बुक पर ट्रेन के आरपीएफ इंचार्ज को सिग्नेचर करना होगा। इससे यह भी पुख्ता हो जाएगा कि ट्रेन में कोई इंचार्ज मौजूद है या नहीं. साथ ही रूट के स्टेशन पर मौजूद आरपीएफ की टीम से आगे के रूट की पूरी जानकारी भी ली जा सकेगी।
बदलाव से बेहतर सुरक्षा
कई तरह के बदलाव भारतीय रेलवे समय समय पर कर रहा है। इस नए बदलाव से यात्री सुरक्षा और बेहतर होगी।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक
कई तरह के बदलाव भारतीय रेलवे समय समय पर कर रहा है। इस नए बदलाव से यात्री सुरक्षा और बेहतर होगी।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक