वित्त विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक रविरंजन ने मीडिया को बताया कि रेलवे हर वर्ष दहशरा के पूर्व अपने कर्मचारियों को उत्पादकता के आधार पर 78 दिन का बोनस देती है। तीन दिन पूर्व ही रेलवे ने इस बात की घोषणा की थी कि वो नवरात्रि में ही बोनस का वितरण कर देगी। शुक्रवार को ये कार्य हो गया। बता दे कि इस बोनस को लेकर कर्मचारियों की मांग थी की इसको 78 दिन के बजाए अतिरिक्त दिनों में बढ़ाया जाए। इसको लेकर दोनों प्रमुख संगठनों ने मांग भी की थी। शुक्रवार को वेस्टर्न रेलवे मजदूर संघ युवा समिति अध्यक्ष गौरव दुबे व सहायक मंडल मंत्री दीपक भारद्वाज ने भी वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी रविरंजन का स्वगत किया।
इस तरह हुआ मंडल में कार्य रेलवे ने 10 अक्टूबर को बोनस देने का निर्णय लिया। 11 अक्टूबर को सुबह 11.30 बजे क्रिस विभाग ने बोनस भुगतान की साइट को खोला। पे बिल सेक्शन से 5.30 घंटे तक कार्य करके शाम को 5 बजे तक सभी 13 हजार 176 कर्मचारियों का बोनस बिल बनाकर लेखा विभाग के पास भेज दिया। इस बिल को बनाने के दौरान कर्मचारी 11 अक्टूबर को भोजन अवकाश में घर भी नहीं गए।
इसके बाद देर रात तक ऑनलाइन एक – एक कर्मचारी के खाते में बोनस डालने का कार्य चलता रहा। 12 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक सभी कर्मचारियों को बोनस मिल गया। बोनस को खाते में देश में सबसे पहले डालने में मंडल के 18 कर्मचारियों का सबसे बेहतर योगदान रहा। इन कर्मचारियों को 5-5 हजार रुपए का पुरस्कार व प्रशस्ती पत्र डीआरएम सुनकर ने देने की घोषणा की है। इन कर्मचारियों में वरिष्ठ कार्मिक प्रबंधक पीके गोपीकुमार के अलावा दीपक परमार, अनिता प्रसाद, सुनील भार्गव, रमेश पानसे, सुनील मेहता, संजय यादव, अरविंद मीणा, प्रतिमा मिश्रा, नंदकिशौर शर्मा, राकेश कुमार, राजीव अग्रवाल, बीएस कटारा, दिनेश भविरिया, दिपमाला पंवार, नरेंद्र मोयल, स्नेहलता व अनिसा शामिल है।