उज्जैन से रेस्क्यू टीम
इसके बाद उज्जैन से रेस्क्यू टीम भी बुलाई गई। दो दिन से टीम उस पर नजर रख रही थी। शनिवार तड़के करीब साढ़ें पांच बजे जैसे ही धुनि क्षेत्र में लक्कड़बग्घा नजर आया वैसे ही गन से उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया। ट्रेंक्यूलाइज होते ही लक्कड़बग्घा जंगल की ओर भागा जिस पर वनकर्मियों ने पीछा किया और जाल डालकर उसे गिरफ्त में लिया। अचेत होने के बाद उसे पिंजरे में डाला गया। इसके बाद खिवनी अभ्यारण्य ले जाकर उसे जंगल मे छोड़ दिया गया।
इसके बाद उज्जैन से रेस्क्यू टीम भी बुलाई गई। दो दिन से टीम उस पर नजर रख रही थी। शनिवार तड़के करीब साढ़ें पांच बजे जैसे ही धुनि क्षेत्र में लक्कड़बग्घा नजर आया वैसे ही गन से उसे ट्रेंक्यूलाइज किया गया। ट्रेंक्यूलाइज होते ही लक्कड़बग्घा जंगल की ओर भागा जिस पर वनकर्मियों ने पीछा किया और जाल डालकर उसे गिरफ्त में लिया। अचेत होने के बाद उसे पिंजरे में डाला गया। इसके बाद खिवनी अभ्यारण्य ले जाकर उसे जंगल मे छोड़ दिया गया।
कई दिन से कर रखा था परेशान बता दे कि इस लक्कड़बग्घा ने कई दिनों से परेशान किए हुए था। देर रात यह लक्कड़बग्घा माता के मंदिर के आसपास आ जाता था। इस मामले में जैसे – जैसे पता चलता गया, लोगों की भीड़ भी इस लक्कड़बग्घा का वीडियों बनाने के लिए आने लगी थी। इसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करके आमजन को देर रात आने से रोकना पड़ा था। इसके बाद वन विभाग कई दिनों से इसको पकडऩे में लगा हुआ था, अब जाकर सफलता मिली है।