रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर, 28 सितंबर से चलेगी दुर्ग-निजामुद्दीन साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल, यहां जानिए पूरी डिटेल
रतलाम. रेलवे ने एक वर्ष से अधिक समय से बंद बड़ोदरा कोटा पार्सल ट्रेन को चला तो दिया, लेकिन इसके टाइम टेबल में विसंगती सामने आई है। रेल मंडल में नागदा से आलोट के बीच जाते समय यह ट्रेन 50 मिनट तो इसी रास्ते से आलोट से नागदा आने के यह ट्रेन 90 मिनट लेगी। आलोट से नागदा के बीच कुल जमा 40.01 किमी का रास्ता है, इसके बाद भी दिल्ली मुंबई हाईस्पीड कॉरिडोर वाले रास्ते पर ट्रेन नैरोगेज की गति से चल रही है। यह पहला अवसर नहीं है जब इस प्रकार की विसंगती ट्रेन को लेकर सामने आई है। इसके पूर्व भी कुछ ट्रेन के मामले में यही हुआ है।
IMAGE CREDIT: patrika रेलवे ने गुरुवार से कोटा पार्सल ट्रेन को चलाने की शुरुआत की है। इसमे पहले ही दिन ट्रेन में यात्रियों की भीड़ रही। आमतोर पर सामान्य यात्रियों वाली इस ट्रेन में कोटा से लेकर रतलाम व बाद में रतलाम से लेकर दाहोद-बड़ोदरा तक भीड़ रहती है। विशेषकर मंडल के बामनिया से लेकर मेघनगर तक अधिक यात्री रहते है। अब रेलवे ने जो ट्रेन को एक वर्ष बाद चलाया है, उसमे ट्रेन की गति तेज होने के बाद भी समय सारणी विसंगती सामने आने के बाद रेल कर्मचारी उदास है। सबसे अधिक लाभ इस ट्रेन के चलने से झालावाड़ से लेकर रतलाम तक के अपडाउन करने वाले यात्रियों को रहता है। लेकिन आते समय ट्रेन में गति को कम रखने से अब उस वर्ग में नाराजी है।
इस मामले को उठाया जाएगा कोटा बड़ोदरा ट्रेन के आने जाने के मार्ग में समान दूरी के बाद भी समय अलग-अलग रखा गया है। इसकी वजह रेलवे की कोई अपनी मजबूरी रही होगी, लेकिन इससे रेल यात्रियों को नुकसान होगा। इस मामले को पश्चिम रेलवे की उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक मेंं उठाया जाएगा। – अर्चित डागा, सदस्य, पश्चिम रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति
निर्णय मंडल का नहीं ट्रेन को चलाने या समय के मामले में रेल मंडल का निर्णय नहीं होता है। यात्रियों के सुझाव के आधार पर बदलाव भी वरिष्ठ कार्यालस से होता है। – जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रेल मंडल