माना जा रहा है अब बिल की तुलना में बगैर बिल पर सोने की खरीदी फरोख्त बढ़ जाएगी, इससे सीधे-सीधे जो दो नंबर का माल बाहर से आता है, उस पर कालाबाजारी बढ़ जाएगी। अब तक आरटीजीएस से लोग सोना मंगवाते रहे हैं, जो कम हो जाएगा और दो नंबर का माल अधिक आने लगेगा। कुल मिलाकर सोने की तस्करी बढ़ जाएगी, क्योंकि लोगों को भी अब सस्ता माल देना रहेगा। अब सराफा बाजार में सोने की जेवराती कम वजन ( लाइटवेट ) की मांग अधिक हो जाएगी। आदमी भारी वस्तु कम खरीदते हुए अपने बजट के हिसाब से लाइटवेट पर आ जाएगा। बताया जा रहा है अब तक एक नंबर का सोना बिल से आता रहा है। अब जो चोरी-छिपे आएगा, उसमें भ्रष्टाचार भी बढ़ेगा।
दो नंबर का माल अधिक इस कारण विदेश से एक नंबर के स्थान पर दो नंबर का माल अधिक आना शुरू हो जाएगा, क्योंकि सरकार ने इसमें साढ़े १२ प्रतिशत तो टैक्स बढ़ा दिया है और तीन प्रतिशत जीएसटी लगा दी। वर्तमान भाव के हिसाब से सरकार 5 हजार 200 रुपए के आसपास टैक्स वसूल रही है। टैक्स अगर हटा दे तो सोना 29 हजार पर आ जाए। व्यापारी पर साढ़े 15 प्रतिशत सोने पर टैक्स हो गया है, 5100 के करीब सरकार वसूल कर रही है। क्योंकि ग्राहकों को और व्यापारियों दोनों की माल सस्ता चाहिए, इसलिए काला बाजारी बढऩे का आसार नजर आ रहे हैं।
इसलिए नहीं लेते मध्यमवर्गीय ग्राहक बिल
व्यापारियों की माने तो नियमानुसार यही सोना वर्तमान में 34900 होना चाहिए, लेकिन वहीं सोना सराफा में आपको 34100 में मिल जाएगा। आम जनता जैसे ही बिल की मांग करेंगी उसे फिर उसी आधार पर व्यापारी सोने के भाव भी बताएगा, क्योंकि व्यापारी ग्राहक को सोने के स्थान पर जेवराती के भाव बताता है। क्योंकि बिस्टिक बहुत कम लोग लेते है, 95 फीसदी जेवराती के ग्राहक आते हैं। व्यापारी यह भी स्पष्ट कर देता है कि बिल को लेने पर इतना अधिक देना पड़ेगा। अधिकांश ग्राहक बिल के लेते ही नहीं है, क्योंकि प्रति 10 ग्राम पर 900-1000 का फर्क पड़ता है, अगर वह १०० ग्राम सोना शादी के लिए लेता है तो उसे सीधे 9-10 हजार पूरे बच जाते है, इस कारण वह बिल नहीं लेता है। टैक्स बढऩे के बाद बिल और बनाने कम कर देंगे। एक नंबर की इंट्री ( नोकरीपेशा ) वाले होते ही बिल लेते हैं।
व्यापारियों की माने तो नियमानुसार यही सोना वर्तमान में 34900 होना चाहिए, लेकिन वहीं सोना सराफा में आपको 34100 में मिल जाएगा। आम जनता जैसे ही बिल की मांग करेंगी उसे फिर उसी आधार पर व्यापारी सोने के भाव भी बताएगा, क्योंकि व्यापारी ग्राहक को सोने के स्थान पर जेवराती के भाव बताता है। क्योंकि बिस्टिक बहुत कम लोग लेते है, 95 फीसदी जेवराती के ग्राहक आते हैं। व्यापारी यह भी स्पष्ट कर देता है कि बिल को लेने पर इतना अधिक देना पड़ेगा। अधिकांश ग्राहक बिल के लेते ही नहीं है, क्योंकि प्रति 10 ग्राम पर 900-1000 का फर्क पड़ता है, अगर वह १०० ग्राम सोना शादी के लिए लेता है तो उसे सीधे 9-10 हजार पूरे बच जाते है, इस कारण वह बिल नहीं लेता है। टैक्स बढऩे के बाद बिल और बनाने कम कर देंगे। एक नंबर की इंट्री ( नोकरीपेशा ) वाले होते ही बिल लेते हैं।
सोने के भाव जेवराती बजट के पहले 33750
बजट आने पर 34100
बजट के बाद 34050 दो-ढाई प्रतिशत ड्यूटी घटाना थी
सरकार ने बजट में जो ड्यूटी ढाई प्रतिशत बढ़ाई है, इसके स्थान पर इन्हे दो-ढाई प्रतिशत कम कर देना थी, इससे जो विदेश से माल आया कम आया है। इसलिए लोगों में खपत कम हो जाएगी। ड्यूटी बढ़ाने की स्थान पर इन्हे घटाना थी, मध्यवर्गीय ग्राहक पर इसका असर पढ़ेगा और गरीब वर्ग तो बाहर ही हो जाएगा। अब गरीबों के अंगुठी और चेन पहनने का शौक भी नहीं रह जाएगा। अब तो भाव बढ़ेंगी, अगर इंटरनेशनल स्तर पर भाव में अगर मंदी आए तो ही घटेंगे भाव।
– मनोज शर्मा, सराफा व्यापारी रतलाम
बजट आने पर 34100
बजट के बाद 34050 दो-ढाई प्रतिशत ड्यूटी घटाना थी
सरकार ने बजट में जो ड्यूटी ढाई प्रतिशत बढ़ाई है, इसके स्थान पर इन्हे दो-ढाई प्रतिशत कम कर देना थी, इससे जो विदेश से माल आया कम आया है। इसलिए लोगों में खपत कम हो जाएगी। ड्यूटी बढ़ाने की स्थान पर इन्हे घटाना थी, मध्यवर्गीय ग्राहक पर इसका असर पढ़ेगा और गरीब वर्ग तो बाहर ही हो जाएगा। अब गरीबों के अंगुठी और चेन पहनने का शौक भी नहीं रह जाएगा। अब तो भाव बढ़ेंगी, अगर इंटरनेशनल स्तर पर भाव में अगर मंदी आए तो ही घटेंगे भाव।
– मनोज शर्मा, सराफा व्यापारी रतलाम