यह भी पढे़ं -पीएम मोदी सरकार की योजना पर एमपी के इस शहर में ब्रेक, कमलनाथ सरकार पर लगा ये आरोप रेलवे बोर्ड ने जो टारगेट दिया था, उससे भी 3.3 प्रतिशत अधिक वसूली मंडल ने की। ये तब हुआ, जब एक वर्ष में 100 से अधिक कर्मचारी मंडल में कम हो गए। वित्तीय वर्ष 2018-19 में रेल मंडल ने 14 करोड़ 27 लाख रुपए की आय वसूली में करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। अब इस बेहतर काम पर रेल मंडल को पुरस्कार 6 जून को मुंबई में मिलेगा।
यह भी पढे़ं -भूलकर भी मत लेना Indian railway में बेडरोल, यात्रियों को हो रही ये बीमारियां जहां कोई नहीं गया उन सेक्शन पर पहुंचे मंडल में अलग-अलग सेक्शन में काम करने वाले टिकट निरीक्षक जो औचक दल में शामिल है, उनसे जब बात की तो उन्होने बताया सहायक वाणिज्य प्रबंधक अमित शहानी व डीआरएम आरएन सुनकर ने उन सेक्शन को पाइंट किया, जहां अब तक कोई पहुंचा ही नहीं। इससे बड़ा लाभ ये हुआ की जहां पर अब तक बड़ी संख्या में बगैर टिकट यात्री धड़ल्ले से आना-जाना कर रहे थे, वहां जमकर रसीद बनाई गई व दंड वसूला गया। इन सेक्शन में बडऩगर-फतेहाबाद, मंदसौर-चित्तौडग़ढ़, सीहोर-बैरागढ़, मक्सी-देवास को शामिल किया गया।
यह भी पढे़ं -अगस्त में होंगे ये चुनाव, आज तक नहीं जीता देश में भाजपा समर्थित संगठन बोर्ड का ये था टारगेट
रेलवे बोर्ड ने रेल मंडल को 14.09 करोड़ रुपए का टारगेट दिया था। इससे 3.3 प्रतिशत अधिक का राजस्व टिकट जांच में मंडल के वाणिज्य विभाग ने वसूला है। ये पहली बार हुआ है जब मंडल ने रेलवे बोर्ड के टारगेट को भी पीछे कर दिया है। वो भी तब हुआ जब वर्ष 2017-2018 में मंडल में टीटीई के 54 पद रिक्त थे, जो 2018-2019 में बढ़कर 104 हो गए। अब मंडल के वाणिज्य विभाग को इसके लिए 6 जून को बेहतर कार्य व वसूली के लिए शील्ड मुंबई में आयोजित समारोह में दी जाएगी।
रेलवे बोर्ड ने रेल मंडल को 14.09 करोड़ रुपए का टारगेट दिया था। इससे 3.3 प्रतिशत अधिक का राजस्व टिकट जांच में मंडल के वाणिज्य विभाग ने वसूला है। ये पहली बार हुआ है जब मंडल ने रेलवे बोर्ड के टारगेट को भी पीछे कर दिया है। वो भी तब हुआ जब वर्ष 2017-2018 में मंडल में टीटीई के 54 पद रिक्त थे, जो 2018-2019 में बढ़कर 104 हो गए। अब मंडल के वाणिज्य विभाग को इसके लिए 6 जून को बेहतर कार्य व वसूली के लिए शील्ड मुंबई में आयोजित समारोह में दी जाएगी।
यह भी पढे़ं -आने वाली है बाहुबली पार्ट- 3 फैक्ट फाइल
वर्ष कुल प्रकरण बने कुल वसूली
2016-2017 2.56 लाख यात्री 10.06 करोड़ रुपए
2017-2018 3.07 लाख यात्री 11.47 करोड़ रुपए
2018-2019 3.27 लाख यात्री 14.27 करोड़ रुपए
वर्ष कुल प्रकरण बने कुल वसूली
2016-2017 2.56 लाख यात्री 10.06 करोड़ रुपए
2017-2018 3.07 लाख यात्री 11.47 करोड़ रुपए
2018-2019 3.27 लाख यात्री 14.27 करोड़ रुपए