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Ganesh Chaturthi 2019: रवि योग के साथ हस्त और चित्रा नक्षत्र के संयोग में भगवान गणेश घर-घर विराजेंगे

Ganesh Chaturthi 2019: रवि योग के साथ हस्त और चित्रा नक्षत्र के संयोग में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करेगी। इस वर्ष रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश पिता महादेव के प्रिय दिन सोमवार यानी 2 सितंबर को घरों के साथ गणेश पंडालों में विराजित होंगे।

रतलामAug 29, 2019 / 08:26 pm

Ashish Pathak

रतलाम। Ganesh Chaturthi 2019 Special YOGA इस वर्ष मंगलकारी रवि योग में घर-घर मंगलमूर्ति की स्थापना होगी। रवि योग के साथ हस्त और चित्रा नक्षत्र के संयोग में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करेगी। इस वर्ष रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश पिता महादेव के प्रिय दिन सोमवार यानी 2 सितंबर को घरों के साथ गणेश पंडालों में विराजित होंगे। शहर में प्रमुख रूप से मित्र निवास रोड, श्रीराम मंदिर, अलकापुरी, माणकचौक, चांदनीचौक, लक्कड़पीठा, बाजना बस स्टैंड आदि क्षेत्रों में गणेशोत्सव की तैयारी जोरशोर से चल रही है। प्राचीन मंदिर ऊंकाला गणपति, पैलेस रोड नित्यचिंताहरण, नगर निगम गणपति, चांदनीचौक के राजा, कसारा बाजार, लम्बी गली के बैठे गणपति पर धूमधाम से चतुर्थी उत्सव के रूप में मनाई जाएगी।
ज्योतिर्विद् सोमेश्वर जोशी के अनुसार भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मध्यान्ह काल में हुआ था। मध्यान्ह काल में भगवान की स्थापना करना श्रेष्ठ है। इस वर्ष 2 सितंबर को चतुर्थी तिथि सुबह 4.56 बजे से रात 1.53 बजे तक रहेगी। इसी दिन सूर्योदय से सुबह 8.32 बजे तक हस्त नक्षत्र और इसके बाद मंगलकारी चित्रा नक्षत्र रहेगा। इसके साथ ही 2 सितंबर को सुबह 8.33 से 3 सितंबर को सुबह 6.24 बजे तक रवि योग भी होगा। इस दिन सुबह 11.04 से दोपहर 1.37 बजे तक गणेश पूजन के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। यह अवधि करीब 2 घंटे 32 मिनट की रहेगी। ऐसे में धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार द्वितीया तिथि के साथ ही तीज 1 सितंबर को मनाना शास्त्र सम्मत है। 1 सितंबर को हरतालिका तीज मनाना शास्त्र सम्मत बता रहा है। 1 सितंबर को तृतीया तिथि सुबह 8.26 से अगले दिन सुबह 4.26 तक रहेगी। 1 व 2 सितंबर दोनों ही दिन तिथि सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। इसके चलते तिथि का क्षय हो गया है।
Ganesh Chaturthi 2019 Special YOGA
गणेश प्रतिमा बनाने की शस्त्रीय ईको फ्रेंडली विधि

गणेश चतुर्थी या बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद नदी के किनारे जाकर वहां से साफ मिट्टी लेकर आएं। उस मिट्टी को छानकर एवं शुद्ध जल मिलाकर मिट्टी में गंगाजल, केसर व पवित्र चन्दन, गोबर, हल्दी, केसर, अबीर जल डालकर आटे जैसा गूंथ लें। फिर उस मिट्टी से एक गणेशजी की मूर्ति का निर्माण करे इसके बाद ककू, आबूर, गुलाल, हल्दी, अक्षत, काजल से श्रंृगार कर उसे स्थापित करे। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में गं गणपतये नम: का जप करते रहे विधि विधान से पूजन करे।

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