कुछ समय पूर्व जब पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक एेके गुप्ता रतलाम आए थे तो उन्होंने स्टॉल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उनको रेल नीर को छोड़कर सबकुछ मिला था। इसके बाद उन्होंने इस बारे में पूछताछ की तो बताया गया की रेल नीर का उत्पादन कम होने की वजह से उपलब्ध नहीं हो पाता है। डायरेक्टर रेलवे बोर्ड दिल्ली फिलिप्स वरघेड के 30 अप्रैल को जारी आदेश के अनुसार अगर यात्रियों को रेल नीर मांगने पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है व इसकी शिकायत होती है तो यात्री को मुफ्त में पानी की बोतल देना होगी। इससे लाभ ये होगा की यात्री को मुफ्त में पानी मिलेगा। रेलवे ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए है।
डीआरएम ने भी दी थी दबिश बीते एक वर्ष में कम से कम एक दर्जन बार डीआरएम आरएन सुनकर ने पैंट्रीकार की जांच की है। इस जांच में भी अनुमती के विपरित वाली पानी की बोतल मिलने पर जब्ती की कार्रवाई की गई थी। ट्रेन में खानपान का ठेका लेने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अब नए नियम से रेलवे के कर्मचारी से लेकर ट्रेन में खानपान का ठेका लेने वाले परेशानी में आ गए है। उनके अनुसार जब उत्पादन ही नहीं है व रेलवे स्वयं इसकी पूर्ति ही नहीं कर पा रहा है तो वे किस तरह इसको यात्रियों को दें।