इधर मंदसौर में भी भारी बारिश से शिवना पूरे उफान पर है। शिवना इस सीजन में चौथी बार भगवान पशुपतिनाथ के शरण में पहुंची हैं। मंगलवार को शिवना के जल से भगवान की मूर्ति के चार मुख जलमग्न हो गए। भारी बारिश के चलते शिवना की छोटी पुलिया से आवागमन रोक दिया गया। इतना ही नहीं कई निचले इलाकों में जलभराव की समस्या के चलते उन्हें खाली भी कराया गया है।
इससे पूर्व प्रशासन ने सोमावार को ही 24 घंटे में भारी बारिश और अति तेज बारिश की चेतावनी जारी की थी। सोमवार देर रात्रि से शुरू हुई बारिश मंगलवार को दिन में भी जाारी रही। जिसके चलते बच्चे स्कूल भी नहीं पहुंच पाए तो कुछ स्कूलों में अवकाश भी घोषित कर दिया गया।
मौसम केन्द्र भोपाल से जारी पूर्वानुमान रिपोर्ट में फिलहाल प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, भोपाल, होशंगाबाद, सागर और जबलपुर क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना बताई गई थी। इन संभागों के हर जिले में कहीं तेज तो कहीं धीमी बारिश का दौर भी चला। अब 27 अगस्त को केन्द्र ने छतरपुर, दमोह, सतना, रीवा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, जबलपुर, धार, इंदौर, देवास, नीमच, विदिशा, भोपाल, रतलाम, राजगढ़, सागर, गुना और श्योपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई थी। वहीं, इसी दिन हरदा, बैतूल, होशंगाबाद, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, उज्जैन, बुरहानपुर, सीहोर, रायसेन व मंदसौर में कहीं-कहीं अति भारी बारिश की संभावना बताकर चेतावनी जारी की गई थी।
धोलावाड़ में 31 जुलाई 2020 तक का पर्याप्त जिला जलसंसाधन विभाग के एचके मालवीया के अनुसार अच्छी बारिश के चलते जिले के 109 में से 72 तालाब लबालब भर चुके हैं। जिले की जलापूर्ति करने वाले धोलावाड़ जलाशय में आज दिनांक तक 31 जुलाई 2020 तक का पर्याप्त मात्रा में हो चुका है, जबकि सितंबर माह अभी शेष है। धोलावाड़ जलाशय में आज दिनांक तक 389.80 मीटर पानी भरा हुआ है, इस कारण 26 अगस्त की रात 8 बजे एक गेट खोला जाएगा। भू-अभिलेख विभाग के अनुसार गत वर्ष इसी अवधि तक 693.4 मिलीमीटर (लगभग 28 इंच) वर्षा दर्ज की गई थी। इसके पूर्व वर्ष 2016 में अगस्त माह भी झमाझम बारिश हुई थी।