VIDEO यात्री ट्रेन चलाने से पहले रेलवे ने जारी की पांच शर्ते पत्रिका – कोरोना की चुनौती को किस तरह से देखते है।
डीआरएम – यह महामारी है, जब यह वायरस आया, तब हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मास्क से लेकर सेनेटाइजर की थी, हमारे कर्मचारी काम करना चाहते थे, लेकिन संसाधन का अभाव शुरुआत में था।
डीआरएम – यह महामारी है, जब यह वायरस आया, तब हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मास्क से लेकर सेनेटाइजर की थी, हमारे कर्मचारी काम करना चाहते थे, लेकिन संसाधन का अभाव शुरुआत में था।
पत्रिका – इस समस्या के समाधान के लिए क्या किया गया।
डीआरएम – इसके लिए हर कि सी ने सहयोग किया, रेल कर्मचारियों ने स्वयं घर में मास्क बनाकर बांटे। कुछ कर्मचारियों ने बाजार से खरीदकर वितरण किया। इसके बाद हमारे इंदौर कोचिंग डिपो, दाहोद वर्कशॉप, कैरेज एंड वैगन विभाग सहित अन्य स्थान पर करीब १३ हजार से अधिक मास्क बनवाए, साथ में सेनेटाइजर का निर्माण भी किया।
डीआरएम – इसके लिए हर कि सी ने सहयोग किया, रेल कर्मचारियों ने स्वयं घर में मास्क बनाकर बांटे। कुछ कर्मचारियों ने बाजार से खरीदकर वितरण किया। इसके बाद हमारे इंदौर कोचिंग डिपो, दाहोद वर्कशॉप, कैरेज एंड वैगन विभाग सहित अन्य स्थान पर करीब १३ हजार से अधिक मास्क बनवाए, साथ में सेनेटाइजर का निर्माण भी किया।
पत्रिका – कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाए गए।
डीआरएम – इसके लिए कई चरण में कार्य हुआ, इंदौर, उज्जैन सहित डीजल शेड में पैर से चलकर हाथ साफ करने वाली मशीन का निर्माण हुआ। कर्मचारी जब ड्यूटी पर गए तो उनको सेनेटाइजर दिए गए, ध्यान रखा कि बगैर मास्क के कोई कर्मचारी नहीं जाए।
डीआरएम – इसके लिए कई चरण में कार्य हुआ, इंदौर, उज्जैन सहित डीजल शेड में पैर से चलकर हाथ साफ करने वाली मशीन का निर्माण हुआ। कर्मचारी जब ड्यूटी पर गए तो उनको सेनेटाइजर दिए गए, ध्यान रखा कि बगैर मास्क के कोई कर्मचारी नहीं जाए।
रेलमंत्री ने कहा 15 अप्रैल से नहीं चलेगी ट्रेन, रिफंड लेने करना होगा यह काम पत्रिका – मंडल में चुनौती के इस दौर में क्या कार्य किए गए।
डीआरएम – हमारे कर्मचारियों ने ३११ से अधिक वैगन का रखरखाव किया। २० वैगन का आरओएच मेंटेनेंस हुआ। मालगाड़ी की बात की जाए तो ८५ रैक याने की करीब ३९९३ वैगन का रखरखाव किया गया, १०० से अधिक आईसोलेट कोच बनाए गए। रतलाम व इंदौर सहित अन्य स्टेशन पूरी तरह से आईसोलेट किए गए।
डीआरएम – हमारे कर्मचारियों ने ३११ से अधिक वैगन का रखरखाव किया। २० वैगन का आरओएच मेंटेनेंस हुआ। मालगाड़ी की बात की जाए तो ८५ रैक याने की करीब ३९९३ वैगन का रखरखाव किया गया, १०० से अधिक आईसोलेट कोच बनाए गए। रतलाम व इंदौर सहित अन्य स्टेशन पूरी तरह से आईसोलेट किए गए।
पत्रिका – थर्मल स्क्रीनिंग को लेकर अब तक क्या कार्य किए गए।
डीआरएम – रतलाम मंडल में नियमित रुप से कर्मचारियों एवं उनके परिवार वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है तथा मंडल में अब तक 11 हजार से अधिक लागों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मंडल चिकित्सालय के गेट पर एवं कोचिंग डिपो रतलाम में फु टपेडल ऑपरेटेड हैंडवाश एवं वाटर डिस्पेंसर लगाया गया है।
डीआरएम – रतलाम मंडल में नियमित रुप से कर्मचारियों एवं उनके परिवार वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है तथा मंडल में अब तक 11 हजार से अधिक लागों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मंडल चिकित्सालय के गेट पर एवं कोचिंग डिपो रतलाम में फु टपेडल ऑपरेटेड हैंडवाश एवं वाटर डिस्पेंसर लगाया गया है।
पत्रिका – पूरे मंडल की बात करें तो अब तक क्या कार्य किए गए। डीआरएम – रतलाम में ओल्ड रेलवे कॉलोनी, सैलाना यार्ड, डीएसके डिपो, रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म क्रमांक 7, डाट की पुलिया, आपीएफ बैरक, जीआरपी पुलिस स्टेशन, अरुणोदय बाल मंदिर सहित 310 से अधिक रेलवे आवासों को विसंक्रमित किया गया है। इसी प्रकार इंदौर में राजकुमार कॉलोनी एवं ऑफि सर बिल्डिंग, उज्जैन में आरपीएफ बैरक, गऊघाट कॉलोनी, माइक्रोलेन एरिया एवं 10 नम्बर एरिया कम्यूनिटी हॉल, मंदिर कॉलोनी, नागदा, शितला माता मंदिर कॉलोनी नीमच, बाबू लाइन कॉलोनी एवं चित्तौडग़ढ़ रनिंग रूप को विसंक्रमित किया गया। स्वास्थ्य निरीक्षक रतलाम, इंदौर, नीमच, चित्तौडग़ढ़ एवं उज्जैन द्वारा कॉलोनियों में जाकर रेल कर्मचारी के परिवारों को कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मास्क का उपयोग करने, आवश्यकता ना हो तो घर से बाहर नहीं निकलने, सामाजिक दूरी बनाए रखने एवं समय – समय पर साबून से हाथ धोने के बारे में जागरुक किया गया।
3 मई तक नहीं चलेगी कोई ट्रेन, रिफंड मिलेगा इस तरह पत्रिका – जब भी कोरोना की बात होगी, बाद में क्या है जो हमेशा याद रहेगा।
डीआरएम – एक खास बात जो हमेशा याद रहेगी, वो रतलाम रेल मंडल में हर कर्मचारी का जुनूनी होना है। कभी ना शब्द किसी के मुंह से नहीं निकला, यह जुनून ही इस मंडल की पहचान है। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत के रुप में सामने आया है।
डीआरएम – एक खास बात जो हमेशा याद रहेगी, वो रतलाम रेल मंडल में हर कर्मचारी का जुनूनी होना है। कभी ना शब्द किसी के मुंह से नहीं निकला, यह जुनून ही इस मंडल की पहचान है। यही हमारी सबसे बड़ी ताकत के रुप में सामने आया है।