हालांकि इस रोक के बाद भी कुछ लोग रविवार को जींस, मिनी स्कर्ट, बरमुंडा पहनकर आए, उनको किसी ने रोका नहीं, लेकिन मंदिर के बाहर इससे जुड़ी सूचना चस्पा कर दी है। मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा के लिए इस निर्णय का पूरे शहर में सर्वसमाज ने स्वागत करते हुए इसे सभी धर्मस्थल पर लागू करने की बात की है।
सुबह प्रतिदिन की तरह जब भक्त रविवार को दर्शन को गए तो उनको मंदिर में प्रवेश के पूर्व सूचना का सामना करना पड़ा। सूचना में मंदिर के पुजारी की तरफ से लिखा हुआ था कि कोई भी भक्त अमर्यादित व पाश्चात्य संस्कृति वाले पकडे़ पहनकर नहीं आए। इस प्रकार के कपडे़ पहनकर आने वालों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
ये बोले मंदिर के पुजारी
मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा के अनुसार मंदिर में सिर्फ शहर ही नहीं, बल्कि दूर से बड़ी संया में श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए आते हैं। कुछ लोग ऐसे वस्त्र पहनकर आते हैं, जो पाश्चात्य संस्कृति वाले होते हैं। इसलिए भक्तों से भारतीय संस्कृति का पालन करते हुए सात्विक वस्त्र में मंदिर में प्रवेश करने का अनुरोध किया है। ये भी पढ़ें: Rain Alert: एक्टिव हुआ चक्रवात, 33 जिलों में अतिभारी बारिश का रेड अलर्ट जारी
पुजारी को बुलाया है
कालिका माता मंदिर शासन का है। मंदिर के बारे में किसी भी प्रकार का निर्णय लेने का अधिकार पुजारी को नहीं है। उनको सोमवार को बुलाया है।- ऋषभ ठाकुर, तहसीलदार, रतलाम शहरसती से सुधार की तरफ बढे़
कालिका माता मंदिर पूरे जिले की आस्था का प्रमुख केंद्र है। इस निर्णय का वाल्मीकि समाज स्वागत करता है। समाज में सुधार की दिशा में कदम बढते हुए इसे सत से लागू करना चाहिए। – हितेश पेमाल, अध्यक्ष, वाल्मीकि समाज, गांधीनगर ये भी पढ़ें: Rain Alert: सबसे बड़ा रेड अलर्ट…28 जिलों में अतिभारी बारिश की चेतावनी, खुलेंगे डेम के गेट