होली की रात करें यह आसान उपाय, बनेंगे हर बिगडे़ काम रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि होली वास्तव में दो दिवसीय त्यौहार है। इसमे पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंग का पर्व मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है तथा अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में रंग अर्थत दुल्हैंडी का पर्व मनाया जाता है। होली पर्व का सम्बन्ध भी वास्तव में असत्य पर सत्य की विजय और अधर्म पर धर्म की विजय से ही है। हिरन्यकश्यप की बहन होलिका ने जब हरी भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में जलाने का प्रयास किया तो हरी प्रताप से प्रहलाद को अग्नि स्पर्श भी नहीं कर पायी और होलिका स्वयं जलकर राख हो गयी। तभी से होलिका दहन की यह परम्परा चली आ रही है और प्रतिवर्ष भारत के कोने कोने में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में होलिका दहन किया जाता है।
पांच दिनों में सोना 1300 रुपए, चांदी 3600 रुपए गिरावट होली का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि होली का आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से भी बड़ा महत्व है। होलिका दहन अर्थत छोटी होली की रात्रि को एक परम सिद्ध रात्रि माना गया है जो किसी भी साधना जप तप ध्यान आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ समय होता है। होलिका दहन वाले दिन किए गए दान-धर्म पूजन आदि का बड़ा विशेष महत्व होता है। सामाजिक दृष्टि से देखें तो भी सभी व्यक्तियों का आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार के रंगों के द्वारा हर्षपूर्वक इस त्यौहार को मनाना, समाज को भी संगठित करता है। इसके अलावा इस त्यौहार का एक वैज्ञानिक महत्व भी है। होली पर्व का समय वास्तव में संक्रमण काल या ऋतुपरिवर्तन का समय होता है, जब वायुमण्डल में बैक्टीरिया अधिक होते हैं जिससे यह समय रोग वृद्धि का भी होता है। ऐसे में होलिका दहन से आस पास वातावरण में उपस्थित रोगाणु नष्ट होते हैं तथा पानी से होली खेलना आगे आने वाले गर्मी के मौसम में ठन्डे पानी की उपयोगिता के लिए हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है।
रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने बताया कि होली का आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से भी बड़ा महत्व है। होलिका दहन अर्थत छोटी होली की रात्रि को एक परम सिद्ध रात्रि माना गया है जो किसी भी साधना जप तप ध्यान आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ समय होता है। होलिका दहन वाले दिन किए गए दान-धर्म पूजन आदि का बड़ा विशेष महत्व होता है। सामाजिक दृष्टि से देखें तो भी सभी व्यक्तियों का आपस में मिलकर विभिन्न प्रकार के रंगों के द्वारा हर्षपूर्वक इस त्यौहार को मनाना, समाज को भी संगठित करता है। इसके अलावा इस त्यौहार का एक वैज्ञानिक महत्व भी है। होली पर्व का समय वास्तव में संक्रमण काल या ऋतुपरिवर्तन का समय होता है, जब वायुमण्डल में बैक्टीरिया अधिक होते हैं जिससे यह समय रोग वृद्धि का भी होता है। ऐसे में होलिका दहन से आस पास वातावरण में उपस्थित रोगाणु नष्ट होते हैं तथा पानी से होली खेलना आगे आने वाले गर्मी के मौसम में ठन्डे पानी की उपयोगिता के लिए हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है।
कमलनाथ सरकार ने बदला कन्यादान विवाह निकाह योजना का नियम यह है 10 प्रमुख उपाय 1. होलिका दहन वाले दिन प्रात: काल में 108 मखानों की एक माला बनाकर मन्दिर में लक्ष्मी जी को चढ़ाएँ आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।
2. होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठाश्रम में दें धन प्राप्ति और समृद्धि बढ़ेगी।
3. होलिका दहन के समय एक सूखे गोले में बूरा भरकर उसे जलती हुई होली की अग्नि में रख दें धन प्राप्ति और समृद्धि बढ़ेगी।
4. होलिका दहन होने के बाद रात्रि में घर के पूजा स्थल पर बैठकर श्री सूक्त का ग्यारह बार पाठ करें धन समृद्धि की प्राप्ति होगी।
5. होलिका दहन वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में एक शुद्ध घी का अखण्ड ज्योति दिया जलाएं जो रात भर जलता रहे घर में धन समृद्धि बढ़ेगी।
6. छोटी होली की रात में एक सफ़ेद वस्त्र में सवासोग्राम साबुत चावल बांधकर अपने पूजास्थल पर रखें और ऊं श्रीं श्रीं नम: का 108 बार जाप करें। अगले दिन इस चावल की पोटली को आपकी तिजोरी में रख ले धन समृद्धि बढ़ेगी।
7. होली के दिन एक रोटी पर पॉंच बताशे और चांदी का वर्क रखकर गाय को खिलाएं जीवन में धन समृद्धि बढ़ेगी।
8. होलिका दहन की रात एक शंख में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल में रख दें और अगले दिन सुबह अपने पूरे घर में इस गंगाजल का छिड़काव करें घर में समृद्धि बढ़ेगी।
9.होली के दिन एक स्फटिक श्री यन्त्र लाकर गंगाजल से अभिषेक करके अपने पूजा स्थल में स्थापित करें अचिर धन समृद्धि प्राप्त होगी।
10. होलिका दहन के समय धन प्राप्ति की कामना करते हुए सफ़ेद रंग की मिठाई जलती अग्नि में रख दें धन समृद्धि प्राप्त होगी।
2. होली के दिन सवा किलो चावल की खीर बनाकर कुष्ठाश्रम में दें धन प्राप्ति और समृद्धि बढ़ेगी।
3. होलिका दहन के समय एक सूखे गोले में बूरा भरकर उसे जलती हुई होली की अग्नि में रख दें धन प्राप्ति और समृद्धि बढ़ेगी।
4. होलिका दहन होने के बाद रात्रि में घर के पूजा स्थल पर बैठकर श्री सूक्त का ग्यारह बार पाठ करें धन समृद्धि की प्राप्ति होगी।
5. होलिका दहन वाले दिन संध्या के समय अपने घर की उत्तर दिशा में एक शुद्ध घी का अखण्ड ज्योति दिया जलाएं जो रात भर जलता रहे घर में धन समृद्धि बढ़ेगी।
6. छोटी होली की रात में एक सफ़ेद वस्त्र में सवासोग्राम साबुत चावल बांधकर अपने पूजास्थल पर रखें और ऊं श्रीं श्रीं नम: का 108 बार जाप करें। अगले दिन इस चावल की पोटली को आपकी तिजोरी में रख ले धन समृद्धि बढ़ेगी।
7. होली के दिन एक रोटी पर पॉंच बताशे और चांदी का वर्क रखकर गाय को खिलाएं जीवन में धन समृद्धि बढ़ेगी।
8. होलिका दहन की रात एक शंख में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल में रख दें और अगले दिन सुबह अपने पूरे घर में इस गंगाजल का छिड़काव करें घर में समृद्धि बढ़ेगी।
9.होली के दिन एक स्फटिक श्री यन्त्र लाकर गंगाजल से अभिषेक करके अपने पूजा स्थल में स्थापित करें अचिर धन समृद्धि प्राप्त होगी।
10. होलिका दहन के समय धन प्राप्ति की कामना करते हुए सफ़ेद रंग की मिठाई जलती अग्नि में रख दें धन समृद्धि प्राप्त होगी।