शहर के विभिन्न झोन में चेंबर, नाले आदि की सफाई के लिए काम करने वाले निगम के करीब 900 से अधिक कर्मचारियों को बगैर संसाधन के ही गंदगी में उतारा जा रहा है, जबकि यह कायदे के खिलाफ है। ऐसा ही मामला सोमवार को फिर सामने आया है। दो बत्ती क्षेत्र में झोन प्रभारी, स्वास्थ्य अधिकारी, वार्ड दारोगा आदि ने एक कर्मचारी को बगैर संसाधन के मैदान में उतार दिया। जब मीडिया ने इसके फोटो-वीडियो बनाए तब ताबड़तोड़ संसाधन मंगवाए गए।
स्मार्ट सिटी बना रहे और ऐसा काम दुख की बात यह है कि एक तरफ शहर को स्मार्ट सिर्टी बनाने के प्रयास किए जा रहे है, दूसरी तरफ चेंबर में कर्मचारी को बगैर संसाधन के उतारा जा रहा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इसके पूर्व भी कई बार नालों की सफाई में इस तरह से किया गया है। देश की सर्वोच्च न्यायालय कई बार इस मामले में संज्ञान लेकर दिशा – निर्देश दे चुकी है, लेकिन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
यह कहता है कानून
वर्ष 1993 में हाथ से मैला ढ़ाने की प्रथा को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसमे सजा से लेकर जुर्माने का नियम है। वर्ष 2013 में मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध व पुनर्वास अधिनियम बनाया गया था।
वर्ष 1993 में हाथ से मैला ढ़ाने की प्रथा को पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा चुका है। इसमे सजा से लेकर जुर्माने का नियम है। वर्ष 2013 में मैनुअल स्कैवेंजर्स के नियोजन का प्रतिषेध व पुनर्वास अधिनियम बनाया गया था।
समिति उठाएगी मामला
नगर निगम सफाई कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के राम कल्याणे, कमल शिंदे, विजय खरे आदि के अनुसार पूर्व में भी इन मामलों को कई बार उठाया है कि कर्मचारी को बगैर संसाधन के चेंबर या नाले में नहीं उतारा जाए। हर बार संसाधन देने का भरोसा दिया जाता है, लेकिन यह आश्वासन ही साबित होता है। बैठक करके इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।
नगर निगम सफाई कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के राम कल्याणे, कमल शिंदे, विजय खरे आदि के अनुसार पूर्व में भी इन मामलों को कई बार उठाया है कि कर्मचारी को बगैर संसाधन के चेंबर या नाले में नहीं उतारा जाए। हर बार संसाधन देने का भरोसा दिया जाता है, लेकिन यह आश्वासन ही साबित होता है। बैठक करके इस मामले में निर्णय लिया जाएगा।
जानकारी ले रहे है
इस मामले की सूचना मिली है। पूरी जानकारी विभागीय अधिकारियों से मंगवाई है। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
– सोमनाथ झारिया, आयुक्त नगर निगम
इस मामले की सूचना मिली है। पूरी जानकारी विभागीय अधिकारियों से मंगवाई है। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
– सोमनाथ झारिया, आयुक्त नगर निगम