शहर से लेकर अंचल तक सट्टा से लेकर जुआं खुलेआम चल रहा है। कुछ दिन पूर्व तक पुलिस चुनावी व्यस्तता का हवाला दे रही थी, लेकिन इसके बाद अब जबकि चुनाव हो गए है, तब भी पुलिस की चुनावी थकान उतरने का नाम नहीं ले रही है। विश्व कप क्रिकेट हो या आईपीएल, पुलिस के पास क्रिकेट का सट्टा पकडऩे के नाम पर उपलब्धि शून्य है। इन सब के बीच शहर के निजी बस स्टैंड पर सट्टा खुले आम चल रहा है। शहर के निजी बस स्टैंड को पुलिस ने पूरी तरह से अपराधियों के हवाले कर दिया है। कुछ दिन पूर्व ही यहां पर निजी बस संचालकों के बीच मारपीट की घटना हुई थी। इस दौरान वीडियो भी वायरल हुए, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठकर श्किायत का इंतजार करती रही। शहर में इंदिरा नगर, एकता नगर, शक्तिनगर सहित कई क्षेत्र में सट्टा व जुआ चल रहा है, लेकिन पुलिस के हाथ सफलता के नाम पर खाली ही है।
शहर के निजी बस स्टैंड पर दिनभर यात्री बसों की आड़ में दाव लगाने का काम चलता है। कभी नंबर तो कभी अख्खर लगाए जाते है। निजी बस संचालकों के अनुसार सुबह करीब 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक यहां सट्टा चलता है। इसको रोकने की जिम्मेदारी जिस खाकी की है, बस उस मासूम पुलिस को इस बारे में कुछ पता नहीं है, बाकी बस स्टैंड पर सभी को पता है कि सट्टा के लिए नंबर लगाने कहां पर जाना है। जहां से सटट्टा के नंबर लगाए जा रहे थे, वहां पर कुछ ही देर में बाइक से एक पुलिस जवान निकला। जवान आया तो, लेकिन देखकर चुपचाप निकल गया। हैरानी की बात तो ये कि जो सट्टा का नंबर लिख रहा था व जो लगा रहे थे, उनको भी इस बारे में पता था कि पुलिस का एक जवान दिन में दो बार सुबह व रात को बाइक से आकर ड्यूटी का फर्ज निभाता है। जवान ने न किसी से सवाल किया नहीं कोई बात की।