होने वाली है गुरु व शनि की युति, आपकी राशि में होंगे यह बदलाव नामली में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सीतला सप्तमी पर आयोजित होने वाला दो दिवसीय भव्य मेला कोरोना वायरस के चलते जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। ज्ञात हो कि नामली पलदुना मार्ग पर प्रतिवर्ष नामली नगर परिषद द्वारा आयोजित मेले में सीतला सप्तमी को सुबह माता जी की पूजा अर्चना व उसके बाद दिन भर मेले का आयोजन होता है। आयोजन के अंतर्गत दूसरे दिन खेड़ापति हनुमान मंदिर पर दिनभर व देर रात्रि तक विभिन्न आयोजन होते है।
कोरोना वायरस का असर : एक दिन में सोना 350 व चांदी 1400 रुपए सस्ता ये इस क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला रहता है। जिसमे मध्यप्रदेश के कई जिलों से व्यापारी व राजस्थान के झूले सहित अन्य कई तरह के व्यापारी इस मेले में दुकाने लगाते हैं और करीब 15 से 20 हजार लोग इस मेले में शामिल होते हैं। इस बा? कोरोना वायरस ?? के चलते जिला कलेक्टर के आदेश पर मेला इस वार निरस्त कर दिया गया है। ग्रामीण एसडीएम प्रवीण कुमार फुलपगरे ने पत्रिका को चर्चा में बताया कि जिला कलेक्टर के आदेश पर मेला निरस्त कर दिया गया है और इसकी सूचना नामली नगर परिषद सीएमओ सदेश शर्मा को भेज दी गई है।
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इधर मेले के आयोजन के निरस्त होने से कारोबारी नाराज हो गए है। कारोबारियों का कहना है कि वे करीब 50 हजार से लेकर 75 हजार रुपए तक का व्यय करके मेले में आए है, अचानक निरस्त होने से उनको बड़ा नुकसान होगा। इधर प्रशासन का कहना है कि मेले से अधिक जरूरी आमजन का स्वास्थ्य है। इसमे समझोता नहीं किया जा सकता है। रतलाम में एक दिन पूर्व ही रंगपंचती की गेर निकलने पर सभी से चर्चा के बाद रोक लगा दी गई थी। इसके लिए कलेक्टर ने रंगपंचमी की गेर निकालने वाले संगठनों के साथ बैठक की। इसके बाद देर रात इस पर निर्णय हुआ। करीब 34 वर्ष के इतिहास में यह तीसरी बार है जब गेर नहीं निकल रही है। इसके अलावा स्कूलों में अवकाश घोषित हो गए है तो टॉकिज में फिल्म के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।
इधर मेले के आयोजन के निरस्त होने से कारोबारी नाराज हो गए है। कारोबारियों का कहना है कि वे करीब 50 हजार से लेकर 75 हजार रुपए तक का व्यय करके मेले में आए है, अचानक निरस्त होने से उनको बड़ा नुकसान होगा। इधर प्रशासन का कहना है कि मेले से अधिक जरूरी आमजन का स्वास्थ्य है। इसमे समझोता नहीं किया जा सकता है। रतलाम में एक दिन पूर्व ही रंगपंचती की गेर निकलने पर सभी से चर्चा के बाद रोक लगा दी गई थी। इसके लिए कलेक्टर ने रंगपंचमी की गेर निकालने वाले संगठनों के साथ बैठक की। इसके बाद देर रात इस पर निर्णय हुआ। करीब 34 वर्ष के इतिहास में यह तीसरी बार है जब गेर नहीं निकल रही है। इसके अलावा स्कूलों में अवकाश घोषित हो गए है तो टॉकिज में फिल्म के प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।