रेलवे का करोड़ों यात्रियों के लिए खुश करने वाला निर्णय बीएसएनएल में शहर में प्रतिदिन करीब 5 से 8 तो जिले मेंं 15 से 18 स्थान पर विभिन्न प्रकार के फॉल्ट की शिकायत आती है। इन दिनों चल रहे विभिन्न निर्माण कार्य के चलते एक वर्ष में शिकायत की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पूर्व में तार टूटने या लाइन बंद तकनीकी कारण से होने की शिकायत आती थी, अब स्थिति यह है कि आए दिन केबल अंदर से कट रही है।
देखें VIDEO रतलाम में शहर काजी के घर सत्याग्रह आंदोलन शुरू सिविल लाइन में केबल कटी अधिकारियों के अनुसार कुछ दिन पूर्व सिविल लाइन में केबल कटी थी। तब दबाव था कि किसी भी तरह से लाइन को तुरंत ठीक किया जाए। विभाग के संसाधन का उपयोग करते हुए केबल को जोड़ा गया, फिलहाल स्थिति यह है कि कंपनी के पास समय पर वेतन देने के रुपए ही नहीं हैं तो भुगतान कहां से होगा। इसके चलते ही एक वर्ष से ठेका होने होने के बाद भी रखरखाव कार्य अधिकारियों के भरोसे चल रहा है।
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कंपनी के विभागीय अधिकारियों के अनुसार मजदूरी का भुगतान का बिल करीब 15 लाख रुपए का व केबल आदि संसाधन का बिल करीब 20 लाख रुपए से कुछ अधिक का एक वर्ष से ठेकेदार का लंबित है। इसके चलते काम तो बंद कर दिया गया, लेकिन अब जरुरत होने पर कभी दो हजार तो कभी पांच हजार रुपए देकर अधिकारी फॉल्ट की लाइन को ठीक करवा रहे हैं।
कंपनी के विभागीय अधिकारियों के अनुसार मजदूरी का भुगतान का बिल करीब 15 लाख रुपए का व केबल आदि संसाधन का बिल करीब 20 लाख रुपए से कुछ अधिक का एक वर्ष से ठेकेदार का लंबित है। इसके चलते काम तो बंद कर दिया गया, लेकिन अब जरुरत होने पर कभी दो हजार तो कभी पांच हजार रुपए देकर अधिकारी फॉल्ट की लाइन को ठीक करवा रहे हैं।
एमपी में यहां भाजपा को पटकनी, कांग्रेस की जीत वेतन समय पर नहीं कंपनी में वेतन समय पर नहीं आ पाता है तो ठेकेदार का भुगतान कैसे होगा। एक वर्ष से स्थानीय अधिकारी कभी दो हजार रुपए तो कभी पांच हजार रुपए जेब से देकर फॉल्ट को ठीक करवा रहे हैं।
– एमके श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक, बीएसएनएल
– एमके श्रीवास्तव, जिला प्रबंधक, बीएसएनएल