रतलाम

चुनाव हारने के बाद भी सीएम क्यों बनीं ममता, रतलाम के अभिभाषक ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में ई-मेल के माध्यम से जनहित याचिका प्रस्तुत कर चुनाव शून्य करने की लगाई गुहार

रतलामJul 29, 2021 / 09:37 am

deepak deewan

CM West Bengal Mamata Banerjee West Bengal CM Mamata Banerjee

रतलाम. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के चुनाव हार जाने के बाद भी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए जाने को रतलाम के अभिभाषक प्रशांत ग्वालियरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ग्वालियरी ने ई-मेल से जनहित याचिका प्रस्तुत कर ममता बनर्जी का सीएम पद पर निर्वाचन शून्य घोषित करने की गुहार लगाई है। ग्वालियरी ने बताया, ई-मेल को कोर्ट ने जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर लिया है।
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याचिका में बताया गया है कि 5 मई 2021 को पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, ग्वालियरी ने इस शपथ को असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट को ई-मेल के माध्यम से दिनांक 16 जून को शिकायत प्रेषित की थी। सुप्रीम कोर्ट ने शिकायत को जनहित याचिका के रूप में नंबर एनओ 61873/एससीआई/पीआईएल/2021 पर दर्ज किया है।
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मंत्री का है प्रवाधान, सीएम का नहीं
याचिका में ग्वालियरी ने बताया कि ममता बनर्जी को आर्टिकल 164 (4) भारतीय संविधान के अंतर्गत शपथ दिलाई गई है, जबकि 164 (4) में मंत्री की नियुक्ति संबंधी प्रावधान है। संपूर्ण प्रक्रिया को दूषित कर चुनाव हारे जाने के बाद भी असंवैधानिक रूप से ममता बैनर्जी को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई।

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