MUST READ : पहली करवाचौथ तो भूलकर मत करना यह 6 काम इस नियम के लागू होने के पूर्व सरकारी नियम इस योजना में अलग था। नगरीय निकाय हो या ग्रामीण जनपद में आने वाले गांव, इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह या निकाह करने वालों को पहले टॉयलेट नहीं होने की दशा में एक माह का समय दिया जाता था। विवाह के एक माह में टॉयलेट बनवाना होता था। इसके बाद शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में बने हुए टॉयलेट का भौतिक सत्यापन होता था। इसके बाद सरकार दुल्हन को योजना में 51 हजार रुपए का लाभ देती थी।
MUST READ : मोबाइल गेम में टास्क पूरा करने बगैर बताए घर से निकला किशोर अब लागू हो गए ये नियम सितंबर माह में मध्यप्रदेश सरकार ने इस नियम को बदल है। अब योजना में शामिल ५१ हजार रुपए दुल्हन को चाहिए तो दुल्हे को पहले अपनी दुल्हन के साथ टॉयलेट में सेल्फी लेना होगी। इस सेल्फी को शहर में नगरीय निकाय व गांव में जनपद में उन आयोजक को इस सेल्फी को देना होगा जो विवाह योजना का संचालन करते है। इसके बाद अधिकारियों द्वारा टॉयलेट का भौतिक सत्यापन होगा। जिसमे ये जांच की जाएगी की टॉयलेट हितग्राही के घर में ही है या नहीं। इसके बाद योजना की राशि का लाभ दुल्हन को दिया जाएगा।
MUST READ : दिवाली पर गणेश पूजन में सूंड का रखे विशेष ध्यान, नहीं तो चली जाती है महालक्ष्मी टॉयलेट बनवाने की छूट पहले शादी के 30 दिनों के भीतर टॉयलेट बनवाने की छूट थी जिसे खत्म कर दिया गया है। नए नियम के बारे में अधिकृत सूचना का इंतजार है।
– एसएस चौहान, जिला अधिकारी, सामाजिक न्याय विभाग MUST READ : रेलवे चला रहा तीन स्पेशल ट्रेन दिवाली पूजा का बेस्ट मुहूर्त यहां पढे़ं मध्यप्रदेश में तीन माह बाद याद आई शिक्षक की भर्ती