रतलाम। भारत सरकार की स्वास्थ्य से जुड़ी आयुष्मान योजना में रतलाम जिले के एक दर्जन से ज्यादा अस्पतालों में से मात्र एक ने ही रुचि दिखाई है। इस अस्पताल ने भी दो योजनाओं को लेकर अपना प्रस्ताव रखा था जिसमें से एक को मान्य किया गया जबकि दूसरे प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। फिलहाल इस एकमात्र अस्पताल के प्रस्ताव को राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। आयुष्मान योजना नोडल अधिकारी दौलत पटेल ने बताया कि रतलाम के गीतादेवी अस्पताल ने आर्थो (हड्डी) और प्रसव से जुड़े दो बिंदुओं पर आयुष्मान योजना में अपने अस्पताल में सुविधा प्रदान करने का प्रस्ताव किया था। अस्पातल में उपलब्ध संसाधनों का सत्यापन करने के बाद विभाग ने तय किया कि इस अस्पताल में केवल आर्थो से जुड़े ऑपरेशन या इलाज के लिए ही सभी संसाधन मौजूद है जबकि प्रसव से जुड़े उपकरणों की कमी है। इसके चलते केवल आर्थो से जुड़े इलाज के लिए ही अस्पताल को मंजूरी दी गई है।
१३०० बीमारियों का पैकेज है योजना में
आयुष्मान योजना में हर परिवार को १३०० बीमारियों का इलाज करने की सुविधा प्रदान की गई है। इन बीमारियों पर हर परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख तक का इलाज सरकार की तरफ से मुफ्त किया जाना है। योजना के हितग्राहियों में प्रदेश सरकार की संबल योजना के पंजीकृत परिवारों के साथ ही वर्ष २०११ की जनगणना में छांटे गए कैटेगरी १ से ६ तक की शर्तों को पूरा करने वाले परिवारों को भी इस योजना के दायरे में लिया गया है। इस दायरे में आ रहे परिवारों का गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा है। यह कार्ड एक बार बन जाने पर उसे मुफ्त में इलाज मिलना तय है।
कन्या महाविद्यालय में छात्राओं के बने ड्रायविंग लाईसेंस
रतलाम. शासकीय कन्या महाविद्यालय परिसर में मंगलवार को छात्राओं के लिए नि:शुल्क ड्रायविंग लाइसेंस शिविर लगाया गया। इसमें 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी जिले की छात्राओं के लर्निंग लाइसेंस बनाए गए। सुबह से दोपहर तक चली प्रक्रिया के दौरान करीब २२० छात्राओं के लाइसेंस बने है।
लाइसेंस बनाने के लिए लगाए गए शिविर में मौजूद जिला परिवहन अधिकारी रीना किराडे ने छात्राओं को बताया कि शासन के निर्देशानुसार उनके लिए सभी महाविद्यालयो में ऐसे शिविर आयोजित किए जाने है। उसी के तहत इस बार कन्या महाविद्यालय में यह शिविर आयोजित किया गया। छात्राऐं नियमानुसार लाइसेंस लेकर ही गाड़ी चलाए व यातायात के नियमों का पालन करें। टू व्हीलर चलाते समय हेलमेट भी अवश्य लगाए। शिविर में 220 छात्राओं के पंजीयन पत्र प्राप्त कर उनका टेस्ट भी लिया गया। लर्निंग लाइसेंस प्राप्त छात्राओं को छ: माह के अंतर्गत स्थायी लाइसेंस भी बनवाना होगा। जिसकी प्रक्रिया जिला परिवहन कार्यालय से ही संपन्न होगी। शिविर के दौरान डॉ. अनिल जैन, डॉ. सुरेश चौहान, डॉ. बी. वर्षा, डॉ. स्नेहा पंडित, डॉ. एम.एल. गांगले, डॉ. वी.एस. बामनिया सहित आरटीओ कार्यालय के महेश पाल, स्मार्ट चीप हेड राकेश जगताप सहित कई लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अनामिका सारस्वत ने किया व आभार प्रो. निलोफ र खामोशी ने माना।