रतलाम

शहीद पिता को 6 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि, अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब

पत्नी ने भी सैल्यूट कर दी अंतिम विदाई…शहीद कन्हैयालाल जाट का गृहग्राम गुणावद में हुआ पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार.

रतलामMay 26, 2021 / 03:44 pm

Shailendra Sharma

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रतलाम. जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद कन्हैयालाल का नाम रहेगा..कुछ इसी तरह के देशभक्ति नारों के साथ शहीद कन्हैयालाल का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके गृहग्राम गुणावद में किया गया। रतलाम जिले के गुणावद के रहने वाले भारतीय सेना की सीएमपी यूनिट में लांस नायक के पद पर पदस्थ थे। और सिक्किम में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। शहीद कन्हैयालाल को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। 6 साल की बड़ी बेटी आराध्या ने जब शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो हर किसी की आंख नम हो गई।

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बड़ी बेटी ने दी मुखाग्नि, पत्नी ने सैल्यूट कर किया अंतिम प्रणाम
शहीद कन्हैयालाल जाट की पार्थिव देह मंगलवार शाम को रतलाम पहुंच गई थी जहां से बुधवार की सुबह करीब नौ बजे गृहग्राम गुणावद पहुंची। सुबह से ही लोग शहीद कन्हैयालाल का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही कन्हैयालाल का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान गांव पहुंचे तो देशभक्ति के नारों की गूंज आकाश में छा गई। शहीद के स्वागत में फूल बरसाए गए और हर किसी ने नम आंखों से भारत मां के लाल का स्वागत किया। पार्थिव शरीर लेकर जैसे ही सेना के जवान शहीद कन्हैयालाल के घर पहुंचे तो तिरंगे में लिपटे कन्हैयालाल को देख परिजन के आंसू फूट पड़े।

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सुबह करीब 9:30 बजे शहीद की अंतिम यात्रा घर से मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई तो शहीद की पत्नी सपना ने सैल्यूट कर पति को अंतिम सफर पर रवाना किया। शहीद की अंतिम यात्रा के लिए ग्रामीणों ने घर से लेकर मुक्तिधाम तक के मार्ग को फूलों से सजा रखा था। मुक्तिधाम में शहीद कन्हैलाल को सेना के जवानों ने गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया और फिर बड़ी बेटी आराध्या ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी।

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जून में छुट्टी पर आने वाले थे कन्हैयालाल
शहीद कन्हैया लाल जाट साल 2008 से इंडियन आर्मी में चयनित हुए थे। वहीं, साल 2013 में उज्जैन जिले के इंगोरिया में उनकी शादी हुई थी। शहीद कन्हैया लाल की दो बेटियां हैं इनमें बड़ी बेटी 6 वर्षीय आराध्या और छोटी बेटी 3 वर्षीय आरोही है। परिजन ने बताया कि हादसे से एक दिन पहले ही उनकी कन्हैयालाल से बात हुई थी और तब उन्होंने बताया था कि उनकी छुट्टी मंजूर हो गई है और वो जून के महीने में छुट्टी पर गांव आ रहे हैं। कन्हैयाल के घर आने की खबर से घरवाले बेहद खुश थे और उनका इंतजार कर रहे थे लेकिन एक दिन बाद ही ऐसी सूचना मिली कि उनकी खुशियां गम में तब्दील हो गईं। बता दें कि लांस नायक कन्हैयालाल जाट की सिक्किम में ड्यूटी के दौरान बीते शनिवार को वाहन की सफाई करते वक्त एक हादसे में मौत हो गई थी। और शनिवार रात को ही सेना की तरफ से फोन पर कन्हैयालाल के शहीद होने की सूचना परिजन को दी गई थी। तब से परिवार ही नहीं पूरे गांव में मातम पसरा गया था।

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