उपरोक्त जानकारी सोमवार को आयोजित बैठक में दी गई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के फ्लोरोसिस प्रभावित ग्रामों में निवारण के लिए जागरूकता के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देशित किया। इस दौरान धार से आए रतलाम जिला फ्लोरोसिस निवारण प्रभारी डॉक्टर एमडी भारती ने फ्लोरोसिस पर विस्तार से जानकारी दी।
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फ्लोरोसीस के प्रकार
फ्लोराइड के स्त्रोत
भूमिगत जल विशेषतः अनुपचारित जमीन का पानी, हैंडपम्प का पानी, नल अथवा कुएं का पानी, काला नमक, सुपारी, काली चाय, नींबू वाली चाय, तम्बाकू, अवसाद दूर करने वाली दवाईयां, कोलेस्ट्रोल कम करने वाली दवाईयां, सोडियम फ्लोराइड टेबलेट रोग प्रतिरोधात्मक दवाएं, टूथपेस्ट सूत्र करने वाले एजेंट, फ्लोराइड युक्त धूल, मिट्टी, खदान, औद्योगिक प्रदूषण है।
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