लॉकडाउन 3.0 : एयर इंडिया के राहत ऑपरेशन में शामिल रही रतलाम की बेटी सुबह आए सभी श्रमिक लॉकडाउन के चलते अन्य प्रदेशों में फंसे मध्यप्रदेश के मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह 6.35 बजे रतलाम एंट्री प्वाइंट पर पहुंची। यहां से उतरकर श्रमिक यात्री बसों के माध्यम से अपने घरों को 35 बसों में रवाना किए गए। गुजरात के राजकोट से पहली श्रमिक ट्रेन में 1233 श्रमिक सुबह रतलाम आए है। इनके आने के पहले ही स्टेशन पर कलेक्टर रुचिका चौहान, एसपी गौरव तिवारी, जिला पंचायत सीईओ संदीप केरकेट्टा, मंडल रेल प्रबंधक विनित गुप्ता सहित तमाम आला अधिकारी पहुंच गए थे।
पत्रिका ब्रेकिंग : रात में बदले एसपी, अब नए आईपीएस को कमान कलेक्टर ने दिया मास्क सबसे पहले उतरे यात्री अमर सिंह के छोटे बच्चे वजे सिंह को कलेक्टर ने मास्क पहनाया तो बच्चा खुश हो गया। इसके अलावा ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों का गुलाब के फूल से कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया। इस दौरान एक एक यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग से जांच हुई। इसके बाद बारी बारी से बस में बैठने के लिए भेजा गया। इतना ही नहीं, प्रत्येक यात्री को पानी के पाउच, भोजन के पैकेट आदि दिए गए।
BREAKING रतलाम में पुलिस पर लाठियों से हमला, नशे में था पुलिसकर्मी, निलंबित बाहर भी बनाए गोले
रेलवे स्टेशन के साथ परिसर के बाहर मजदूरों को लाइन में खड़ा रखा गया। इनको एक एक करके गोले में रखने के बाद बस में बिठाया गया। इस दौरान प्लेटफॉर्म के अन्य रास्ते बंद कर दिए गए। गुजरात में लॉक डाउन में फंसे मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के मजदूर परिवार 8 मई को रतलाम एंट्री पॉइंट पर उतरकर बसों से अपने गृह जिलों खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धार, झाबुआ इत्यादि की ओर रवाना हुए। कलेक्टर द्वारा इस दौरान रेलवे स्टेशन परिसर पर सतत भ्रमण करते हुए व्यवस्थाओं पर नजर रखी गई। आदिवासी मजदूर परिवारों के मेडिकल चेकअप उनके भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए मौजूद अमले को सतत दिशा निर्देशित करती रही।
रेलवे स्टेशन के साथ परिसर के बाहर मजदूरों को लाइन में खड़ा रखा गया। इनको एक एक करके गोले में रखने के बाद बस में बिठाया गया। इस दौरान प्लेटफॉर्म के अन्य रास्ते बंद कर दिए गए। गुजरात में लॉक डाउन में फंसे मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के मजदूर परिवार 8 मई को रतलाम एंट्री पॉइंट पर उतरकर बसों से अपने गृह जिलों खरगोन, खंडवा, बड़वानी, धार, झाबुआ इत्यादि की ओर रवाना हुए। कलेक्टर द्वारा इस दौरान रेलवे स्टेशन परिसर पर सतत भ्रमण करते हुए व्यवस्थाओं पर नजर रखी गई। आदिवासी मजदूर परिवारों के मेडिकल चेकअप उनके भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए मौजूद अमले को सतत दिशा निर्देशित करती रही।