झरिया। भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस का झरिया कोयलाचंल से गहरा नाता रहा है। ‘तुम मुझे खून दो मैं तुझे आजादी दूगां’ नारे के साथ नेताजी ने इस देश का आजादी दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी।आजादी की लड़ाई के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस कई दफा झरिया कोयलाचंल के विभिन्न क्षेत्रों में न केवल आये, बल्कि मजदूरों के साथ बैठकें भी कीं। दरअसल धनबाद के बरारी कोक प्लांट में नेताजी के एक रिश्तेदार अभियंता पद पर कार्यरत थे।झरिया का तिलक भवन आज भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की स्मृति को संजोये हुए है। यहां नेताजी क्रांतिकारियों के साथ गुप्त बैठकें करते थे। झरिया का राज ग्राउंड भले ही आज सिमट गया है, लेकिन इस स्थल पर कभी नेताजी ने ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन को संबोधित किया था। इधर झरिया भागा रोड में नेताजी की प्रतिमा स्थापित की गयी है।अपने महत्वपूर्ण अभियान पर भारत छोड़ने से पूर्व गोमो स्टेशन जाने के लिए जिस कार का इस्तेमाल नेताजी ने किया था, वह आज भी धरोहर के रूप में कोयलांचल में मौजूद है।हालांकि यह बात और है कि इसके रख-रखाव की उचित व्यवस्था नहीं की गयी है। बीसीसीएल के धनबाद स्थित गेस्ट हाउस परिसर में उक्त कार आज भी देखी जा सकती है। पूर्व में जब बीसीसीएल निर्देशक के पद पर टीके लोहिड़ी थे, तो उन्होंने इस अमूल्य धरोहर के बेहतर रख-रखाव करने की व्यवस्था की घोषणा की थी। लेकिन निर्देशक पद से उनकी सेवानिवृत के बाद यह योजना ठंढे बस्ते में चली गयी।