प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग नक्सलवादियों को अपनी राजनीति के लिए उपयोग भी करते थे और फिर उनके खिलाफ लड़ाई का दिखावा भी करते थे। उन्होंने कहा कि वे नक्सलवाद की चुनौती को खत्म करने में भी इसलिए सफल हो पा रहे हैं, क्योंकि उनकी नीयत साफ है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब वे यहां आए थे, तब और आज की की स्थिति में बहुत अंतर है। तब यहां नक्सलवाद का, असुरक्षा का और आए दिन होने वाली हिंसा का मुद्दा छाया रहता था। झारखंड सरकार ने, सुरक्षा बलों ने और आप सभी ने इतना सराहनीय कार्य किया है कि अब ये क्षेत्र भय के वातावरण से करीब करीब मुक्त हो चुका है। बीते 5 वर्षों में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने पूरे तालमेल के साथ नक्सलवाद की समस्या का समाधान करने की तरफ कदम बढ़ाए हैं।
दोहराया संकल्प…
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा का ये संकल्प है कि 2024 तक देश के हर घर को जल से जोडऩा है। इसी तरह डबल इंजन की सरकार साझा तौर पर 2022 तक सभी गरीबों को अपना घर देने के लिए प्रयासरत है।
विपक्ष पर बोला हमला…
विपक्षी दलों को आडे हाथ लेते हुए पीएम ने कहा कि भाजपा सरकार एक तरफ झारखंड की नई छवि को देश और दुनिया तक पहुंचाने में जुटी है, वहीं कांग्रेस और झामुमो के लोग झारखंड की छवि को धूमिल करने में जुटे हैं। वे चाहते हैं यहां निवेश आए, यहां रोज़गार के नए अवसर बनें, यहां के युवाओं को बाहर ना जाना पड़े, लेकिन कांग्रेस और उसके साथी झारखंड को बदनाम करने में जुटे हुए हैं।
वनवासियों ने श्रीराम को दिखाया मार्ग:— पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि वनों में रहने वालों की प्रेरणा ने तो प्रभु श्रीराम को भी मार्ग दिखाया था। आप कल्पना कीजिए राम जब अयोध्या में तो राजकुमार राम थे और जब 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या गए तो मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम बन गए। क्योंकि 14 साल श्रीराम ने वन में आदिवासियों के बीच गुजारे थे। उन्होंने डालटनगंज की जनसभा की तरह एक बार फिर दोहराया कि कांग्रेस और उसके साथियों ने राम जन्म भूमि पर क्या किया, कैसी राजनीति की गई, कैसे समाज को बांटा गया। इन लोगों ने अपने वोटबैंक की खातिर इस विषय को लगातार लटकाए रखा, इसका फैसला नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि देश का हर शांतिप्रिय नागरिक हमेशा इस बात को याद रखेगा कि कैसे कांग्रेस ने इस विषय पर राजनीति की, लोगों में दरारें पैदा कीं।